अब जराचिकित्सा का पेशेवर सिस्टम बनाने की केंद्र सरकार ( central government’)की योजना

नई दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार समाज के हर तबके को ध्यान में रखकर योजनाएं बना रही है. तमाम योजनाएं लागू हो चुकी हैं और अनगिनत लोग उनका फायदा उठा रहे हैं. इसी क्रम में केंद्र सरकार ( central government’) अब बुजुर्गों की देखभाल के लिए नई योजना शुरू करने वाली है. इस योजना का नाम ‘पीएम स्पेशल’ होगा. इसके तहत बुजुर्गों को घर बैठे मेडिकल केयर की सेवाएं प्रदान की जाएंगी. इस योजना से वृद्धावस्था में लोगों की देखभाल करने वाले पेशेवरों का व्यवस्थित, विश्वसनीय सिस्टम बनेगा और साथ ही लागत भी कम होगी.
योजना की जानकारी रखने वालों के हवाले से अखबार ने बताया कि केंद्र सरकार इस योजना के तहत अगले तीन साल में लगभग एक लाख लोगों को (जराचिकित्सा) की ट्रेनिंग देगी. सामाजिक न्याय मंत्रालय एक हफ्ते के अंदर ट्रेनिंग कार्यक्रम की शुरुआत कर सकता है. सरकार की तरफ से एक ऑनलाइन पोर्टल बनाया जाएगा, जिस पर सभी रजिस्टर्ड और ट्रेंड जेरिएटिक प्रोफेशनल्स की लिस्ट होगी. यह एक ई-मार्केट प्लेस की तरह होगा. यहां लोग बुजुर्गों की देखभाल के लिए अपनी सुविधानुसार प्रोफेशनल्स की उपलब्धता देख सकेंगे और उन्हें हायर कर सकेंगे. इस वेबसाइट के सितंबर तक शुरू होने की उम्मीद है.
सामाजिक कल्याण मंत्रालय के सचिव आर. सुब्रमण्यम ने एचटी को बताया कि जराचिकित्सा पेशेवरों की आवश्यकताओं को अब तक ठीक से पूरा नहीं किया गया है. बुजुर्गों की देखभाल के लिए पर्याप्त रूप से प्रशिक्षित प्रोफेशनल्स या तो हैं ही नहीं, या फिर हैं भी तो लोगों को उनके बारे में पता नहीं चल पाता. ऐसे में लोग जहां से भी संभव हो पाता है, वहां से सेवाएं ले लेते हैं. कई बार अनट्रेंड लोग भी ये काम करने लगते हैं, जिससे बुजुर्ग की सेहत और देखभाल सुरक्षित हाथों में नहीं रहती. इसके अलावा देखभाल का खर्च भी बहुत ज्यादा होता है. सुब्रमण्यम ने बताया कि अब सरकार प्रोफेशनल तरीके से इसका सिस्टम बना रही है, जो हेल्थ मिनिस्ट्री से अप्रूव्ड होगा. इससे बुजुर्गों को क्वालिटी देखभाल मिल सकेगी और खर्च भी पहले के मुकाबले कम होगा.
सचिव ने बताया कि जेरिएटिक प्रोफेशनल बनने की ट्रेनिंग लेने के लिए ऐसा कोई भी व्यक्ति अप्लाई कर सकता है, जिसने 12वीं तक की पढ़ाई कर ली हो. उन्होंने बताया कि सरकार इस दौरान एससी, एसटी और अन्य पिछड़े समुदायों के कम से कम 10,000 लोगों को मुफ्त में प्रशिक्षित करेगी. इस योजना से कम से कम एक लाख लोगों को रोजगार मिलेगा. सबसे बड़ी बात कि बुजुर्गों की सही से देखभाल का एक सिस्टम बन सकेगा.