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अब बिना हेलमेट ( हेलमेट)के बाइक चलाने पर और आएगी मुसीबत!

मुंबई: मुंबई की मोटर दुर्घटना दावा ट्र‍िब्‍यूनल ने सड़क हादसे के श‍िकार अंधेरी के 38 वर्षीय व्यक्ति की पत्नी, बच्चों और मां को द‍िए जाने वाली मुआवजा राशि को लेकर बड़ा फैसला सुनाया है. ट्र‍िब्‍यूनल ने 1.46 करोड़ रुपये की मुआवजा रा‍शि के बजाय केवल 1.02 करोड़ रुपये (ब्याज के साथ) देते हुए 30% कटौती करने का आदेश भी द‍िया है. दरअसल, ट्र‍िब्‍यूनल ने इस मामले में हादसे के शिकार को भी मोटर व्‍हीकल न‍ियमों के उल्‍लंघन के तहत हेलमेट न पहनने के लिए अंशदायी लापरवाही का ज‍िम्मेदार ठहराया है. इसके चलते मुआवजा राश‍ि में 30 प्रत‍िशत की कटौती करके पीड़‍ितों को इसका भुगतान करने के आदेश द‍िए गए हैं. यह मामला 2014 का है जब पवई में एक ट्रक ने बाइक सवार शख्‍स सत्यप्रकाश सिंह (38) को टक्‍कर मार दी थी और उनकी मौके पर मौत हो गई थी.
ट्रिब्यूनल ने पाया कि ट्रक ड्राइवर ने लापरवाही से गाड़ी चलाई थी, लेकिन यह भी माना कि बाइकर ने नियमों का पालन नहीं किया था. ट्रिब्यूनल ने कहा कि घटना स्थल के रिकॉर्ड से ऐसा लगता है कि मौके पर सत्यप्रकाश ने हेलमेट ( हेलमेट) नहीं पहना था. वहां पर हेलमेट की मौजूदगी नहीं देखी गई.

ट्रिब्यूनल ने कहा क‍ि इसके अलावा, पूछताछ के पंचों (स्वतंत्र गवाहों) ने भी सत्यप्रकाश के सिर के आसपास टूटा हुआ हेलमेट नहीं देखा. ये सभी परिस्थितियां यह अनुमान लगाने के लिए पर्याप्त हैं कि उन्होंने अधिनियम के नियमों का पालन न करके जोखिम उठाने का काम क‍िया और इस प्रकार एक दुर्घटना का श‍िकार हो गए. इसकी पूरी व्‍यवस्‍था है क‍ि इन परिस्थितियों में मुआवजे को 30% तक कम करना न‍िर्धार‍ित है.

ट्रिब्यूनल ने मुआवजे की राशि करीब 95.23 लाख रुपये (ब्याज के बिना) आंकी थी. मुआवजे के घटकों में भविष्य की आय की हानि, उनकी पत्नी के लिए पति-पत्नी के कॉन्सॉर्टियम की हानि, उनके बच्चों के लिए माता-पिता की सह-व्‍यवस्‍था की हानि और उनकी मां के लिए संतान संबंधी साथ का नुकसान शामिल था. इसमें संपत्ति का नुकसान और अंतिम संस्कार का खर्च भी शामिल था. ट्र‍िब्‍यूनल का मानना है क‍ि सत्यप्रकाश का हेलमेट पहनकर ड्राइव नहीं करना कुछ हद तक दुर्घटना में सहयोग करता है.

ट्रिब्यूनल का कहना है क‍ि इस आधार पर मुआवजे राश‍ि में 30% कटौती की जाएगी. इस प्रकार, याचिकाकर्ताओं को देय मुआवजे की कुल राशि 65.96 लाख रुपये बनती है.

ट्र‍िब्‍यूनल की ओर से न‍िर्धार‍ित मुआवजा रा‍श‍ि को इस तरह से बांटा गया क‍ि पत्नी कोमल सिंह (38) को मुआवजे की 70% राश‍ि दी जाएगी. बाकी राश‍ि में से उनकी मां सुरजादेवी सिंह (73) और बच्चों कुसुम सिंह (18) और ईशान सिंह (14) के बीच भी समान रूप से बंटवारा क‍िया जाएगा. 21 जनवरी 2015 को, परिवार ने ट्रक मालिक एसआर मेटल वर्क्स और बीमा कंपनी द न्यू इंडिया एश्योरेंस कंपनी लिमिटेड के खिलाफ ट्र‍िब्‍यूनल में याच‍िका दायर की थी.

उन्होंने यह कहते हुए एक करोड़ रुपये का मुआवजा मांगा था कि सत्यप्रकाश एक निजी कंपनी के लिए काम करते थे और 50,000 रुपये मासिक वेतन कमाते थे. परिजनों का कहना था कि एक फरवरी 2014 को सत्यप्रकाश की दुर्घटना में मौत हो गई. ट्रक चालक पर लापरवाही से मौत का कारण बनने और लापरवाही से वाहन चलाने का मामला दर्ज किया गया था.

दावे को खारिज करने की मांग करते हुए बीमा कंपनी ने सत्यप्रकाश पर दुर्घटना में योगदान देने का आरोप लगाया. यह भी प्रस्तुत किया गया कि ट्रक चालक के पास वैध ड्राइविंग लाइसेंस नहीं था और इस प्रकार वाहन मालिक ने बीमा पॉलिसी की शर्तों का उल्लंघन किया.

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