दिल्ली

दिल्ली (Delhi)में अब प्रोफेसर भर्ती घोटाला!

नई दिल्ली. दिल्ली के एलजी वीके सक्सेना ने दिल्ली (Delhi) फार्मास्युटिकल साइंस एंड रिसर्च यूनिवर्सिटी की भर्ती में धांधली की शिकायत पर जांच के आदेश दिए हैं. बता दें कि संस्थान ने साल 2019 में प्रोफेसर, एसोसिएट प्रोफेसर और सहायक प्रोफेसर के पदों को भरने के लिए आवेदन मांगे थे. बाद में इन पदों पर हुई नियुक्तियों में अनियमितता की शिकायतें आई थीं. सतर्कता विभाग की जांच में 6 नियुक्तियों में गड़बड़ियां पाई गई हैं. इसके बाद एलजी ने सारी नियुक्तियों को जांच के दायरे में लाने का आदेश दे दिया. दिल्ली के एलजी ने मुख्य सचिव के प्रस्ताव के स्वीकर करते हुए सात दिनों के अंदर नोटिस देने का आदेश जारी किया है. बता दें कि एलजी डीपीआरएसयू के चांसलर भी हैं.

सतर्कता विभाग ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि जिन 6 उममीदवारों की जांच की गई, उसमें पाया गया कि इन उम्मीदवारों ने उम्मीदवारी के मानदंड पूरे करने के लिए जाली दस्तावेज जमा कराए. उपरोक्त पदों पर उन उम्मीदवारों के पास या तो अनुभव की कमी थी या उन्होंने पात्रता मानदंड पूरा करने के लिए जाली दस्तावेज जमा किए. इस रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि पैकल्टी सदस्यों की नियुक्ति में इतने बड़े पैमाने पर धांधली डीपीआरएसयू के वायस चांसलर के जानकारी बिना संभव नहीं है.सतर्कता विभाग की मानें तो डीपीआरएसयू में फैकल्टी सदस्यों के पदों पर हुई नियुक्ति में बड़े पैमाने पर अनियमितता की शिकायतों के बाद की जांच के आदेश दिए गए हैं. इन शिकायतों में दावा किया गया है कि वर्ष 2019 में फैकल्टी स्टाफ की जो नियुक्तियां हुई थीं, उनमें बड़े पैमाने पर घोटाला, पक्षपात और भ्रष्टाचार हुआ है. इस संस्थान में प्रोफेसर, एसोसिएट प्रोफेसर और असिस्टेंट प्रोफेसर की नियुक्ति के लिए फरवरी और जुलाई 2019 में आवेदन निकाला गया था. इसके कुछ ही महीने बाद 2020 में इन नियुक्तियों में बड़े पैमाने पर अनियमितता की शिकायतें मीडिया में आने लगी थीं.
सतर्कता विभाग ने शिकायतें मिलने के बाद डीपीआरएसयू से रिकॉर्ड मंगाया और उसके आधार पर विभाग की सतर्कता शाखा ने उन छह उम्मीदवारों की नियुक्ति से संबंधित कागजात की जांच की जिनके खिलाफ शिकायतें मिली थीं. इसके जांच में पाया गया कि उम्मीदवारों ने नौकरी पाने के लिए जाली दस्तावेज जमा किए. संबंधित उम्मीदवारों के पास या तो उपरोक्त पदों के लिए अनुभव की कमी थी या उन्होंने पात्रता मानदंड को पूरा करने के लिए जाली दस्तावेज जमा किए थे.

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