अब जर्मनी और ईरान आमने-सामने(जर्मनी और ईरान)
ईरान इस वक्त कई देशों के साथ राजनीतिक तनाव की स्थिति को झेल रहा है। एक ओर इजरायल के साथ जंग के आसार है तो वहीं अब ईरान ने जर्मनी से भी तनाव गहरे कर लिए हैं। दरअसल, ईरानी मूल के जर्मन कैदी जमशेद शारमाद को फांसी दे दी गई है जिस कारण जर्मनी और ईरान (जर्मनी और ईरान) आमने-सामने गए हैं। जमशेद शर्माहद की फांसी के जवाब में जर्मनी ने 3 ईरानी वाणिज्य दूतावासों को बंद करने का आदेश जारी किया है।
दुबई से हुआ था अपहरण
जानकारी के मुताबिक, जमशेद शारमाद अमेरिका में रहते थे। ईरानी सुरक्षा बलों ने उनका साल 2020 में दुबई से अपहरण कर लिया था। शारमाद उस वक्त अपने सॉफ्टवेयर कंपनी से संबंधित एक सौदे के लिए भारत की यात्रा करने की कोशिश में थे। उनके परिवार को उनका आखिरी मैसेज 28 जुलाई, 2020 को मिला था।
आतंकवाद का लगाया आरोप
ईरान की अदालत ने कहा है कि 69 साल के ईरानी मूल के जर्मन कैदी जमशेद शारमाद को आतंकवाद के आरोपों में मौत की सजा दी गई थी। इससे पहले साल 2023 में इस मामले की सुनवाई हुई थी। हालांकि, अमेरिका और अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार समूहों ने इस सुनवाई को दिखावा बताकर खारिज कर दिया था। जर्मनी के विदेश मंत्रालय ने मंगलवार को ईरान के दूतावास मामलों के प्रभारी को बुलाया था और जमशेद शारमाद की फांसी पर विरोध जताया था। वहीं, जर्मनी के राजदूत मार्कस पोटजेल ने ईरान के विदेश मंत्री अब्बास अराघची के समक्ष इस फांसी का विरोध किया था।
अब केवल ईरान का दूतावास बचा
जर्मनी की विदेश मंत्री एनालेना बैरबॉक ने जर्मनी के फ्रैंकफर्ट, हैम्बर्ग और म्यूनिख में ईरानी वाणिज्य दूतावासों को बंद करने का ऐलान किया है। इस फैसले के बाद केवल बर्लिन में ही ईरान एक दूतावास रह गया है। बता दें कि का इससे पहले जब शारमाद को मौत की सजा सुनाई गई थी तब जर्मनी ने दो ईरानी राजनयिकों को देश से निष्कासित कर दिया था।