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अब पन्नू  (Pannu )को पकड़ने की कोशिशें तेज़,

नई दिल्ली. खालिस्तानी अलगाववाद में एक बड़ी सेंध लगाते हुए एक वॉन्टेड आतंकवादी और खालिस्तानी टाइगर फोर्स (केटीएफ) के शीर्ष नेता हरदीप सिंह निज्जर को कनाडा के सरे में गोली मार दी गई. खुफिया एजेंसियों के अधिकारियों के मुताबिक, स्थानीय अधिकारियों ने बाइक सवार दो हमलावरों द्वारा हत्या किए जाने की पुष्टि की है.

बीते एक महीने के दौरान पाकिस्तान सहित दुनिया भर में मौजूद कई खालिस्तानी नेताओं का सफाया हो चुका है. सबसे पहले, 23 मार्च को मोगा जिले में पंजाब पुलिस ने अमृतपाल सिंह को गिरफ्तार कर लिया. इसने खालिस्तानी समूहों के भारत में आतंक को पुनर्जीवित करने के एजेंडे को गहरी चोट पहुंचाई.

फिर मई में पाकिस्तान में बैठे 63 वर्षीय खालिस्तानी आतंकवादी परमजीत सिंह पंजवार की हत्या की खबर सामने आई. वह खालिस्तान कमांडो फोर्स (केसीएफ) के शीर्ष नेताओं में शामिल था. इस संगठन को 2020 में गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (UAPA) के तहत भारत में प्रतिबंधित कर दिया गया था और पंजवार को भारत सरकार द्वारा आतंकवादी के रूप में अधिसूचित किया गया था.

वहीं भारतीय दूतावास पर हमले की योजना बनाने वाले खालिस्तानी समर्थक अवतार सिंह खांडा की पिछले हफ्ते ब्रिटेन में मौत हो गई. सूत्रों ने बताया कि वह ब्लड कैंसर से पीड़ित था.

पन्नू को पकड़ने की कोशिशें तेज़
शीर्ष अधिकारियों का दावा है कि आपसी कलह और इन हालिया मौतों के कारण ब्रिटेन और कनाडा में खालिस्तानी आतंकवादी संगठन बिल्कुल सिकुड़ चुके हैं और अब एक अन्य खालिस्तानी समूह ‘सिख फॉर जस्टिस’ के प्रमुख और कानूनी सलाहकार गुरपतवंत सिंह पन्नू     (Pannu ) को पकड़ना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता बन गया है.

सूत्रों ने बताया कि जहां कुछ दिनों पहले राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) की एक टीम ब्रिटेन पहुंची थी, वहीं भारत सरकार भी खालिस्तानी आतंकियों से कूटनीतिक तरीके से निपट रही है. भारत ने कनाडा, ब्रिटेन और अमेरिका के सामने ऐसे आतंकी समूहों को समर्थन का मुद्दा उठाया है और इन समूहों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है.

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केंद्र सरकार को जानकारी मिली है कि भारत और विदेशों में स्थित कुछ संस्थाओं और व्यक्तियों जैसे ‘सिख फॉर जस्टिस’ ने अन्य आतंकवादी संगठनों और गिरोहों के साथ आपराधिक साजिश रची है और ‘पंजाब रेफरेंडम 2020 फॉर खालिस्तान’ के नाम से एक ठोस अभियान शुरू किया है. सरकार के अनुसार, वे भारत संघ से पंजाब राज्य को अलग करने, भारत की संप्रभुता, एकता और क्षेत्रीय अखंडता को नुकसान पहुंचाने के मकसद से आंदोलन शुरू करने के लिए सिख समुदाय के सदस्यों को उकसाने के इरादे से ‘अलगाववादी और आतंकवादी गतिविधियों के लिए सोशल मीडिया पर धन जुटा रहे हैं.

पन्नू सहित ये अलगाववादी और कट्टरपंथी तत्व, ‘अपने विद्रोही, अपमानजनक और देशद्रोही गतिविधियों के माध्यम से असंतोष भड़काने’ रहे हैं.

निज्जर का रोल
हरदीप सिंह निज्जर का जन्म अक्टूबर 1977 में जालंधर के पुरा में हुआ था. वह शुरुआत में छोटे-मोटे अपराध में शामिल था और फिर देश छोड़ने के बाद KTF का प्रमुख बन गया.. वह केटीएफ मॉड्यूल और सदस्यों के संचालन, नेटवर्किंग, ट्रेनिंग और फंडिंग में सक्रिय रूप से शामिल था.

निज्जर एनआईए द्वारा दर्ज एक मामले में आरोपी था. जांच के दौरान यह पता चला कि उसने ‘विद्रोही और घृणित भाषण’ फैलाने के लिए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर भड़काऊ बयान, पोस्ट, फोटो और वीडियो शेयर किए थे. एनआईए के अनुसार, सबूतों से साबित होता है कि वह ‘भारत में विभिन्न समुदायों के बीच वैमनस्य पैदा करने के लिए देशद्रोही गतिविधियों’ में शामिल था.

निज्जर पंजाब पुलिस द्वारा जांच किए जा रहे विभिन्न मामलों में भी आरोपी है. जालंधर के भर सिंगापुरा में उनके पैतृक गांव में उनके नाम से कुछ जमीनें हैं.

क्रॉस बॉर्डर टेररिज्म में शामि था निज्जर
कनाडा में रहने वाले निज्जर को जुलाई 2020 में गृह मंत्रालय द्वारा ‘आतंकवादी’ के रूप में भी नामित किया गया था. वह सरे में गुरु नानक सिख गुरुद्वारे का प्रमुख/अध्यक्ष था.

एनआईए के मुताबिक, निज्जर के निर्देश पर ही एसएफजे अन्य प्रतिबंधित आतंकवादी संगठनों जैसे खालिस्तान लिबरेशन फोर्स, बब्बर खालसा इंटरनेशनल, इंटरनेशनल सिख यूथ फेडरेशन, खालिस्तान टाइगर फोर्स आदि की आतंकी गतिविधियों में शामिल हो गया. इन गतिविधियों में अंतरराष्ट्रीय सीमाओं के पार टेररिस्ट हार्डवेयर जैसे हथियार, गोला-बारूद विस्फोटक, आईईडी आदि की तस्करी शामिल है.
तस्करी किए गए सामान का उपयोग आतंकी संगठनों के सदस्यों और देश के विभिन्न हिस्सों में सक्रिय आपराधिक गिरोहों द्वारा बम धमाकों, टार्गेट किलिंग आदि जैसे आतंकवादी कृत्यों को अंजाम देने के लिए किया जाता है.

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