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270 साल से एक इंच नहीं खिसकी(270 साल )

इजरायल हमास: यरुशलम दुनिया के सबसे विवादित जगहों में से एक है. इजरायल इसे अपनी राजधानी करार देता है. तो फिलिस्तीन इसे अपना बताता है. इजरायल की फिलिस्तीन और अरब मुल्कों से दुश्मनी की जड़ भी यरुशलम या जेरूसलम (270 साल ) ही है. दुनिया के तीन बड़े धर्म- ईसाई, इस्लाम और यहूदियों के लिए यरुशलम बहुत पवित्र जगह है.

यरुशलम की ओल्ड सिटी में ईसाइयों का ‘चर्च ऑफ द होली सेपल्कर’ . ईसाई धर्म में मान्यता है कि ईसा मसीह को यहीं सूली पर चढ़ाया गया था और बाद में उन्होंने यहीं दोबारा अवतार लिया. इस जगह को ‘हिल ऑफ कैलवेरी’ भी कहा जाता है. इसी चर्च के अंदर ईसा मसीह का मकबरा भी है.

चर्च को लेकर क्यों विवाद?
द होली सेपल्कर चर्च को लेकर भी ईसाई धर्म के अलग-अलग संप्रदायों के बीच सदियों से विवाद चलता आ रहा है और अलग-अलग मुद्दों पर मतभेद है. ईसाई धर्म के 6 संप्रदाय मिलकर इस चर्च का प्रबंधन करते हैं. जिसमें रोमन कैथोलिक, ग्रीक ऑर्थोडॉक्स पैट्रियार्केट, अर्मेनियाई पैट्रियार्केट, और इथोपियाई और काप्टिक सीरियाई ऑर्थोडॉक्स चर्च शामिल हैं. इन चर्च के पादरी द होली सेपल्कर का संचालन करते हैं.

कहां से शुरू हुआ विवाद?
द होली सेपल्कर को लेकर ईसाई धर्म के अलग-अलग संप्रदायों के बीच 17-18वीं शताब्दी में खासा विवाद हुआ. उस वक्त यरुशलम , उस्मानिया सल्तनत के कब्जे में था. जब ईसाई धर्म के अलग-अलग संप्रदायों ने इस चर्च पर अपना दावा किया और सौंपने की मांग की तो उस्मानिया सल्तनत ने ‘यथास्थिति बरकरार’ रखने का आदेश दिया. तब से अब तक स्थिति वैसी ही है.

1750 से सीढ़ी को लेकर लड़ाई
द होली सेपल्कर को लेकर ईसाई धर्म के अलग-अलग संप्रदायों में कितना विवाद है, इसको इस बात से समझा जा सकता है कि चर्च के एक हिस्से में लकड़ी की एक सीढ़ी पिछले 273 सालों से रखी है. लेकिन किसी ने एक इंच इधर से उधर करने की हिम्मत नहीं की. दस्तावेजों के मुताबिक चर्च में एक खिड़की के नीचे कम से कम 1750 से लकड़ी की वो सीढ़ी रखी है.
ईसाई धर्म के अलग-अलग संप्रदाय में इस बात पर मतभेद है कि सीढ़ी पर दावा किसका है. कौन हटा सकता है? इस विवाद के चलते ही सीढ़ी आज भी जस की तस, वहीं है. 270 साल से अधिक बीतने के बाद भी किसी ने हटाने की हिम्मत नहीं जुटाई.

और कौन से पवित्र स्थल?
ईसाईयों के अलावा मुसलमानों के लिए भी यरुशलम बहुत महत्वपूर्ण है. मुस्लिम धर्म की तीसरी सबसे पवित्र मस्जिद अल अक्सा भी यहीं है, जिसका संचालन एक इस्लामी ट्रस्ट करती है. इसी तरह यही यहूदियों का सबसे पवित्र स्थान ‘होली ऑफ द होलीज’ भी यहीं है.

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