बिहार

नीतीश कुमार ने गवर्नर से मांगा मिलने का समय( गवर्नर )

पटना : पिछले दो दशक से नीतीश कुमार बिहार की राजनीति के केंद्र में हैं. चाहे समर्थन किसी का हो, सरकार की कमान उन्हीं के हाथ रही है. आज एक बार फिर नीतीश कुमार बिहार की जनता को सरप्राइज देने के लिए तैयार हैं. हालात कुछ ऐसे हैं कि कोई कुछ खुलकर बोलने को तैयार नहीं है. सूत्रों के हवाले से खबर ये है कि तैयारी दोनों तरफ हो रही है. हालांकि, इस बार नीतीश की तथाकथित पॉलिटिकल इंजीनियरिंग के तीन किरदार हैं. एक तो खुद सुशासन कुमार, दूसरी लालू एंड फैमिली जिन्हें नुकसान होना है और तीसरी शायद बीजेपी है जिन्हें फायदा होना है. लेकिन लालू खेमा इस बार चुपचाप नीतीश कुमार के फैसले को स्वीकार करने के मूड में नहीं है. बैठक के दौरान सभी ने लालू यादव को फैसला लेने के लिए अधिकृत किया है. जानकारी ये है कि लालू यादव की पार्टी आरजेडी सरकार बचाने के लिए जो भी संभव होगा वो करेगी.

गवर्नर से नीतीश कुमार ने मांगा मिलने का समय

सूत्रों के मुताबिक खबर है कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सुबह जल्द ही राज्यपाल  ( गवर्नर ) से मुलाकात कर सकते हैं. नीतीश कुमार ने गवर्नर से मुलाकात का समय मांगा है. नीतीश सुबह-सुबह ही राज्यपाल से मिलना चाहते हैं.

बिहार में खेला होना बाकी?

सूत्रों के मुताबिक, उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने पार्टी नेताओं से कहा है कि बिहार में खेला होना बाकी है. जो 2 दशक में नहीं हुआ वो उन्होंने कर दिखाया. तेजस्वी ने कहा कि कई चीजें नीतीश कुमार के नियंत्रण में नहीं हैं. लेकिन अब और भी लोग RJD के साथ हैं. तेजस्वी ने कहा कि नीतीश कुमार के बयान पर कभी प्रतिक्रिया नहीं दी. वो आदरणीय थे और हैं.

आज ही इस्तीफा और होगा शपथ ग्रहण

जानकारी के मुताबिक, नीतीश कुमार आज JDU अध्यक्ष होने के नाते पार्टी की बैठक करेंगे. फिर महागठबंधन को छोड़ते हुए राज्यपाल को अपना इस्तीफा देंगे. और इसके साथ ही NDA सरकार बनाने के लिए दावा पेश करेंगे. बताया ये भी जा रहा है कि आज ही शाम 5 बजे शपथ ग्रहण समारोह भी हो जाएगा.

हम ने मांगे 2 मंत्री पद
हम पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता श्याम सुंदर शरण ने सरकार में पार्टी के लिए कम से कम दो मंत्री पद की मांग की. उनका कहना है कि हम पार्टी गरीब गुरबों की बात करती है. ऐसे में हम को बेहतर सेवा देने के लिए कम से कम 2 मंत्री पद जरूर मिलने चाहिए. यह हमारी शर्त नहीं, कार्यकर्ताओं और समर्थकों की मांग है. वैसे हम बगैर किसी पद के भी प्रधानमंत्री के साथ मुस्तैदी से खड़े हैं.

 

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