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नवविवाहित जोड़ा श्‍मशान घाट में पहली पूजा( married )

राजस्‍थान: भारत अलग-अलग भाषा, संस्‍कृति और परंपराओं का देश है. कहा भी जाता है कि देश में हर एक कोस पर पानी और हर चार कोस पर वाणी बदल जाती है. इसी तरह देश के अलग-अलग राज्‍यों और यहां तक कि राज्‍यों के अंदर अलग क्षेत्रों में शादी विवाह के दौरान अलग-अलग परंपराओं को निभाया जाता है. देश में कहीं अग्नि के चारों ओर फेरे लिए जाते हैं तो कहीं पानी की परिक्रमा की जाती है. शादी                ( married ) के बाद भी कुछ रस्‍में निभाई जाती हैं. इसी परंपरा के तहत कई जगहों पर नवविवाहित जोड़ा सबसे पहले कुल देवी या देवता की पूजा करता है. लेकिन, राजस्‍थान के एक गांव में शादी के बाद की जाने वाली प‍हली पूजा में अनोखी परंपरा निभाई जाती है.

राजस्थान के जैसलमेर से करीब 6 किमी की दूरी पर मौजूद बड़ा बाग गांव में शादी के बाद नवविवाहित जोड़े की पहली पूजा को लेकर अनोखी परंपरा सदियों से चली आ रही है. इस गांव में शादी के बाद नवविाहित जोड़े से पहली पूजा कुल देवी या देवता के मंदिर के बजाय श्मशान घाट में कराई जाती है. अब सवाल ये उठता है कि आखिर इस गांव में ऐसी पंरपरा अब तक क्‍यों निभाई जा रही है. बता दें कि नवविाहित जोड़े को ग्रह प्रवेश के तुरंत बाद ही इस पूजा को करने के लिए श्‍मशान जाना पड़ता है.

बड़ा बाग गांव का श्मशान घाट बेहद खास माना जाता है. गांव के लोग इसे राजपरिवार का खानदानी श्मशान घाट मानते हैं. इस गांव के श्मशान घाट में 103 राजा और रानियों की याद में छतरियां बनाई गई हैं. इस श्‍मशान घाट की वास्तुकला बेहद आकर्षक है. इस श्‍मशान घाट को लेकर लोगों की आस्‍था इतनी मजबूत है कि शादी के बाद नवविाहित जोड़े की पहली पूजा ही नहीं, बल्कि हर शुभ कार्य से पहले लोग पहली पूजा करने यहीं आते हैं.

नवविाहित जोड़ा क्‍यों करता है श्‍मशान घाट में पूजा
जैसलमेर के बड़ा बाग गांव के लोगों की मान्‍यता है कि शादी कर आने वाला नवविवाहित जोड़ा अगर पहली पूजा इस श्‍मशान घाट में करता है तो उन्‍हें स्‍वर्गवासी राजा-रानियों का आशीर्वाद मिलता है. लिहाजा, नवविाहित जोड़ा श्‍मशान घाट में बनाई गई राजा-रानियों की समाधियों पर पूजा करता है. इसके अलावा शादी के बाद पूर्णिमा के दिन भी पूजा की जाती है. मान्‍यता है कि नये जीवन की शुरुआत में स्‍वर्गवासी राजा-रानियों का आशीर्वाद लेने से वैवाहिक जीवन सुखद होता है.

रात को श्‍मशान घाट से अजीब आवाजें आने का दावा
ऐसा नहीं है कि गांव के लोग इस श्‍मशान घाट में कभी भी आ जा सकते हैं या उन्‍हें डर नहीं लगता है. गांव के ज्‍यादातर लोग इस श्‍मशान घाट में जाने से डरते हैं. रात के समय श्‍मशान घाट के आसपास से भी गांव का कोई व्‍यक्ति नहीं गुजरना चाहता है. लोगों को कहना है कि श्‍मशान घाट के आसपास अक्सर घुड़सवारों और उनके घोड़ों की टापों की आवाजें आती हैं. इसके अलावा यहां रात को हुक्के की गुड़गुड़ाहट भी लोगों को सुनाई देती है.

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