गांधी परिवार का नया संकटमोचक

नई दिल्ली । कांग्रेस पार्टी (spin doctors) 2014 के लोकसभा चुनाव में 44 सीटों पर ही सिमट गई। कई दिग्गज नेता चुनाव हार गए। ऐसे में कर्नाटक के गुलबर्ग से आने वाले खड़गे ने अपनी सीट बचा ली, कांग्रेस ने लोकसभा में उन्हें पार्टी का नेता बनाया। 2019 में पार्टी ने खड़गे को ही प्रभारी (spin doctors) बनाकर भेजा। खड़गे सोनिया के मिशन को कामयाब करने में सफल रहे। इतना ही नहीं, जुलाई महीने जब ED ने सोनिया-राहुल को पूछताछ के लिए दफ्तर बुलाया , उस वक्त संसद में विरोध का मोर्चा खड़गे ने ही संभाला था।
50 साल से ज्यादा पॉलिटिक्स में सक्रिय खड़गे को 1969 में कर्नाटक के गुलबर्गा शहर अध्यक्ष की जिम्मेदारी मिली थी। शुरुआत में वे पार्टी के प्रचार के लिए खुद पर्चा बांटते थे और स्लोगन दीवारों पर लिखते थे।2013 में कर्नाटक विधानसभा चुनाव के बाद खड़गे मुख्यमंत्री की रेस में सबसे आगे थे, लेकिन उन्हें केंद्र की पॉलिटिक्स में ही रहने के लिए कहा गया और उनकी जगह के सिद्धरमैया को CM बनाया गया। खड़गे उस वक्त मनमोहन कैबिनेट में श्रम विभाग के मंत्री थे, जिसके बाद उन्हें रेल मंत्रालय का जिम्मा दिया गया।