पश्चिम बंगाल

बांग्लादेशी घुसपैठियों का नया प्लान, BSF जवानों के लिए बना सिरदर्द; सीमा पर बढ़ाई गई निगरानी !

कोलकाता -: बांग्लादेश में जारी अशांति के बीच अभी सर्दियों के मौसम में घने कोहरे का फायदा उठाकर घुसपैठिए बिना तारबंदी वाले इलाके से अवैध तरीके से भारत में प्रवेश की कोशिश कर रहे हैं, जो सीमा पर बीएसएफ जवानों व अधिकारियों के लिए एक सिरदर्द बन गया है।

बीएसएफ ने बढ़ाई सतर्कता -: बंगाल के साथ बांग्लादेश की सबसे ज्यादा करीब 2,217 किलोमीटर लंबी अंतरराष्ट्रीय सीमाएं लगती है, जिसकी सुरक्षा का दायित्व बीएसएफ के दक्षिण बंगाल और उत्तर बंगाल फ्रंटियर पर है। बांग्लादेश में इस साल जुलाई से अशांति शुरू होने के बाद से ही भारत-बांग्लादेश सीमा से घुसपैठ की कोशिशें काफी बढ़ गई है, जिसकी जानकारी बीएसएफ पहले ही दे चुकी है। बांग्लादेश में लगातार अशांति जारी है। इस बीच कई बांग्लादेशी अवैध तरीके से भारत में प्रवेश करने की कोशिश में हैं। हालांकि सीमा पर तैनात सुरक्षाकर्मी उनकी इस मंशा को धराशायी कर रहे हैं। इस बीच जानकारी मिली है कि कुछ घुसपैठिये घने कोहरे का फायदा उठाकर भारत में घुसने की कोशिश में लगे हैं। इस खबर के बाद बीएसएफ ने भारत-बांग्लादेश सीमा पर निगरानी को और बढ़ा दिया है।

घुसपैठियों के लिए कोहरा बना मौका

बंगाल से लगती 2,217 किमी सीमा में से करीब 1849 किमी भूमि सीमा है जबकि लगभग 170 किमी जल सीमा है। इनमें से करीब 800 किमी सीमा क्षेत्र में कोई कंटीली तार (बाड़) नहीं है। बीएसएफ सूत्रों के अनुसार, अभी दिसंबर में सर्दी के मौसम में शाम ढलने के बाद से ही सीमा क्षेत्र में दृश्यता कम हो जाती है। घने कोहरे के कारण कुछ फीट दूर की वस्तुएं भी दिखाई नहीं दे रही हैं। इसलिए घुसपैठिए अभी सर्दी में इसी मौके का फायदा उठाकर भारत में घुसपैठ की लगातार कोशिश कर रहे हैं। इसके अलावा सर्दी की शुरुआत में सीमावर्ती नदियों का जलस्तर भी कम हो जाता है। ऐसे में बहुत से लोग अवैध तरीके से नदी मार्ग को पार करके घने जंगलों से होकर भी भारत में प्रवेश की कोशिश करते हैं। बीएसएफ अधिकारियों ने उत्तर बंगाल में महानदी और दक्षिण बंगाल में जालंगी (मुर्शिदाबाद) और इच्छामती (उत्तर 24 परगना) नदियों को भी घुसपैठ के हाटस्पाट के रूप में चिह्नित किया है। बीएसएफ ने इसको देखते हुए सीमा पर सतर्कता और रात के समय गश्त काफी बढ़ा दी है।

दलालों की खास भूमिका

बीएसएफ सूत्रों के मुताबिक घुसपैठ में सीमावर्ती क्षेत्र में सक्रिय दोनों देशों के दलालों की भी खास भूमिका है, जो मोटे पैसे लेकर सीमा आर-पार कराने में मदद करते हैं। पड़ोसी देश की पुलिस की नजर से बचते हुए दलाल बांग्लादेशी नागरिकों को सीमावर्ती गंतव्य तक पहुंचा देते हैं। इस पार के दलालों से भी उनका अच्छा संपर्क रहता है। उनकी मदद से बांग्लादेशी नागरिक सीमाओं और नदियों के माध्यम से प्रवेश कर जाते हैं। यहां दलाल पैसे लेकर बांग्लादेशी नागरिकों को जाली आधार, वोटर और पैन कार्ड तक मुहैया करा देते हैं। घुसपैठिए मुख्य रूप से बंगाल में नदिया, मुर्शिदाबाद और उत्तर 24 परगना के रास्ते भारत में घुसने की कोशिश करते हैं, क्योंकि इन जिलों से कम समय में कोलकाता पहुंचा जा सकता है।
हिंदू नाबालिग लड़की भागकर भारत पहुंची | वहीं, बंगाल के उत्तर दिनाजपुर जिले में सीमापार कर अवैध तरीके से भारतीय क्षेत्र में दाखिल होने पर बीएसएफ द्वारा पकड़ी गई बांग्लादेश की एक हिंदू किशोरी को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है।

17 वर्षीय किशोरी ने दावा किया कि बांग्लादेश में इस्कॉन भक्त होने के कारण कट्टरपंथियों ने उसके परिवार के सदस्यों को डराया-धमकाया जिसके बाद वह वहां से भाग आई।चोपड़ा थाने के पुलिस अधिकारी ने कहा कि जलपाइगुड़ी जिले में लड़की के कुछ रिश्तेदार हैं। बांग्लादेश के पंचगढ़ जिले की यह लड़की पैदल ही सीमा पार कर भारतीय क्षेत्र में आ गई और उत्तर दिनाजपुर जिले के चोपड़ा प्रखंड में फतेहपुर सीमा चौकी के पास बीएसएफ के जवानों ने उसे पकड़ लिया। किशोरी के एक रिश्तेदार ने कहा कि वे इस्कॉन की भक्त हैं। कट्टरपंथियों ने उसे अगवा कर लेने एवं पूरे परिवार की हत्या कर देने की धमकी दी थी। किशोरी के भागकर भारत आ जाने की इस घटना पर इस्कॉन कोलकाता के उपाध्यक्ष राधारमण दास ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से इस संबंध में हस्तक्षेप करने और इस निर्दोष लड़की को उसके रिश्तेदारों के साथ रहने की अनुमति देने का अनुरोध किया है।

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