हमास से युद्ध के बीच अपने ही देश में ‘बुरे फंसे’ नेतन्याहू( नेतन्याहू)
नई दिल्ली. इजरायल-हमास युद्ध को शुरू हुए दो महीने का वक्त बीतने को है. गाजा पट्टी में इजरायल डिफेंस फोर्स कहर ढहा रही हैं. इसी बीच इजरायल के पीएम बेंजामिन नेतन्याहू ( नेतन्याहू) के लिए एक बुरी खबर आई. नेतन्याहू अपने ही देश में बुरी तरह घिरते नजर आ रहे हैं. दरअसल, प्रधानमंत्री पर भ्रष्टाचार के एक मामले में जांच फिर से शुरू कर दी गई है. इजरायली अखबार हारेत्ज की एक रिपोर्ट के अनुसार, बेजेक-वाला रिश्वत मामले में प्रधानमंत्री के खिलाफ यरूशलेम में मंगलवार को सुनवाई फिर से शुरू होगी.
युद्ध के कारण अदालत लगभग ढाई महीने के अवकाश पर थी, इस दौरान केवल अत्यावश्यक सुनवाई ही हुई थी. अदालत नेतन्याहू के विभिन्न भ्रष्टाचार के मामलों को अत्यावश्यक नहीं माना था, इसलिए युद्ध के कारण उन्हें रोक दिया गया था. इस मामले को केस 4000 के नाम से जाना जाता है, जिसमें आरोप लगाया गया है कि नेतन्याहू ने समाचार वेबसाइट वाल्ला पर अनुकूल मीडिया कवरेज के बदले बेजेक टेलीकम्युनिकेशंस को लाभ पहुंचाने के लिए नियामक कदम उठाए. वाल्ला का स्वामित्व पहले बेजेक के पास था.
क्या बोले नेतन्याहू के मंत्री?
नेतन्याहू के राजनीतिक दल लिकुड के सदस्यों ने मामले को आगे बढ़ाने के लिए अभियोजकों की आलोचना की. कहा गया कि देश हमास के साथ युद्ध लड़ रहा है. ऐसे वक्त में इन सब चीजों का कोई मतलब नहीं है. न्याय मंत्रालय में मंत्री और लिकुड सदस्य डेविड एम्सलेम ने सोशल मीडिया साइट एक्स पर एक पोस्ट में कहा, ‘युद्ध? बंधक? पलायनकर्ता? अर्थव्यवस्था? नहीं और नहीं… अब जो सबसे महत्वपूर्ण है वह है इजरायल के प्रधानमंत्री को निराधार आरोपों और भ्रामक छोटी-छोटी बातों में उलझाना. हां, हां…आपने सही पढ़ा. इसमें देरी करने का कोई कारण नहीं है. यह एक अपमान है!”
वाल्ला वेबसाइट के पूर्व प्रधान संपादक यिनोन मैगल और वाल्ला न्यूज के पूर्व संपादक एवी अल्कले मामले में गवाही दे चुके हैं. इजरायली अखबार हारेत्ज की रिपोर्ट के अनुसार, लाहव 433 प्रमुख अपराध इकाई के एरन बुचनिक और डोटन मालिची, और सिक्योरिटीज अथॉरिटी के जांचकर्ता , केस 4000 जांच टीम के जांचकर्ता लियोर श्पित्ज को अदालत के सामने गवाही देनी है.