उत्तर प्रदेशकानपुर

न तो सीवर लाइन बिछाई, न ही वाटर लाइन

कानपुर । कानपुर शहर (water line) के बीचों-बीच नगर निगम क्षेत्र में एक ऐसा वार्ड-60 रावतपुर है जो नमामि गंगे और अमृत योजनाओं की हकीकत बयां कर रहा है। हालांकि नगर निगम (water line) और स्वास्थ्य विभाग का अमला जागा है और सफाई के साथ-साथ हर घर में दवा बांटी जा रही है। फॉगिंग कराई जा रही है। सालों से पड़ी गंदगी को साफ किया जा रहा है।

आजादी के 75 साल बीत जाने के बाद भी इस वार्ड में न तो सीवर लाइन बिछाई गई और न ही वाटर लाइन। आलम ये है कि हर घर में सोख्ता टैंक बने हुए हैं। इससे ग्राउंड वाटर प्रदूषित हो गया है।जिनकी क्षमता है तो उन्होंने सबमिर्सबल घरों में लगाए हैं नहीं तो नगर निगम ने सार्वजनिक सबमर्सिबल पंप लगाए हैं, उससे पानी भरते हैं।

उन्होंने उत्सुकता में पूछा कि क्या सरकार लगवा रही है। आगे बताया कि क्षेत्र में डायरिया फैला है तो सोबरन की बहू ने बताया कि रोजाना कैंपर में पानी खरीद कर लाते हैं, वहीं पीते हैं। यहां का पानी पियेंगे तो मर जाएंगे। मौजूदा समय में यहां डायरिया का प्रकोप फैला हुआ है।

स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक 272 से ज्यादा लोग यहां डायरिया से पीड़ित हैं, जबकि 35 वर्षीय विनय की मौत हो चुकी है।बताया कि सबमर्सिबल का पानी बीते 40 साल से पी रहे हैं। वे खुद भी बीमार हैं। क्षेत्र के ही धानुकुवाना निवासी विकास ने बताया कि सीवेज लाइन तक नहीं है। क्षेत्र में बंगले तक बने हैं, लेकिन उनमें सोख्ता टैंक बने हुए हैं।

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