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National Herald Case : खड्गे के बाद आज ईडी ने पूर्व केंद्रीय मंत्री…..

नई दिल्ली। National Herald Case : खड्गे के बाद आज ईडी ने पूर्व केंद्रीय मंत्री….. नेशनल हेराल्ड मामले में प्रवर्तन निदेशालय ने पूर्व केंद्रीय मंत्री पवन बंसल से मंगलवार को पूछताछ की। सूत्रों के अनुसार, आज उन्हें समन किया गया था और उनका बयान रिकार्ड किया जा रहा है। इससे पहले सोमवार को नेशनल हेराल्ड मामले में मनी लांड्रिंग जांच को लेकर निदेशालय ने सीनियर कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड्गे से भी सवाल किया था। प्रवर्तन निदेशालय के अधिकारी ने बताया, पीएमएलए के तहत फेडरल एजेंसी ने 79 वर्षीय राज्यसभा में विपक्ष के नेता खड्गे से पांच घंटे तक सवाल जवाब किया और उनके बयान को रिकार्ड किया।

National Herald Case : खड्गे के बाद आज ईडी ने पूर्व केंद्रीय मंत्री पवन बंसल से की पूछताछ

नेशनल हेराल्ड अखबार का मालिकाना हक एसोसिएटेड जर्नल लिमिटेड यानी ‘एजेएल’ के पास था जो दो और अखबार भी छापा करती थी। हिंदी में ‘नवजीवन’ और उर्दू में कौमी आवाज। आजादी के बाद 1956 में एसोसिएटेड जर्नल को अव्यवसायिक कंपनी के रूप में स्थापित किया गया और कंपनी एक्ट धारा 25 के अंतर्गत इसे कर मुक्त भी कर दिया गया। वर्ष 2008 में श्एजेएलश् के सभी प्रकाशनों को निलंबित कर दिया गया और कंपनी पर 90 करोड़ रुपए का कर्ज भी चढ़ गया।

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फिर कांग्रेस नेतृत्व ने श्यंग इंडियन प्राइवेट लिमिटेडश् नाम की एक नई अव्यवसायिक कंपनी बनाई जिसमें सोनिया गांधी और राहुल गांधी सहित मोतीलाल वोरा, सुमन दुबे, आस्कर फर्नांडिस और सैम पित्रोदा को निदेशक बनाया गया। इस नई कंपनी में सोनिया गांधी और राहुल गांधी के पास 76 प्रतिशत शेयर थे जबकि बाकी के 24 प्रतिशत शेयर अन्य निदेशकों के पास थे। कांग्रेस पार्टी ने इस कंपनी को 90 करोड़ रुपए बतौर ऋण भी दे दिया। इस कंपनी ने एजेएल का अधिग्रहण कर लिया।

भाजपा के नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने वर्ष 2012 में एक याचिका दायर कर कांग्रेस के नेताओं पर धोखाधड़ी का आरोप लगाया। उन्होंने अपनी याचिका में कहा कि यंग इंडियन प्राइवेट लिमिटेड ने सिर्फ 50 लाख रुपयों में 90.25 करोड़ रुपए वसूलने का उपाय निकाला जो नियमों के खिलाफ है। याचिका में आरोप है कि 50 लाख रुपए में नई कंपनी बना कर एजेएल की 2000 करोड़ रुपए की संपत्ति को अपना बनाने की चाल चली गई।

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दिल्ली की एक अदालत ने मामले में चार गवाहों के बयान दर्ज किए और 26 जून 2014 को अदालत ने सोनिया गांधी और राहुल गांधी सहित नई कंपनी में निदेशक बनाए गए सैम पित्रोदा, सुमन दुबे, आस्कर फर्नांडिस और मोतीलाल वोरा को पेश होने का समन भेज दिया।

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