15 अगस्तके(August 15) से ठीक पहले दिल्ली में पकड़े गए 2 हजार से ज्यादा जिंदा कारतूस
दिल्ली: एक तरफ जहां आजादी के(August 15) 75वे अमृत महोत्सव पर देश में सुरक्षा कड़ी कर दी गई है. वहीं राजधानी दिल्ली में लालकिले से 11 किलोमीटर दूर 2000 से ज्यादा जिंदा कारतूस बरामद होने के बाद जांच एजेंसियों के हाथ पांव फूल गए हैं. एक ऑटो वाले की सूझबूझ से दिल्ली पुलिस ने कारतूसों की तस्करी के बड़े नेटवर्क के भंडाफोड़ किया है. एक हफ्ते चले इस ऑपरेशन में पुलिस ने अब तक 2251 कारतूस बरामद किए है. ये कारतूस हाई कैलिबर के हैं. पुलिस ने इस नेक्सस से जुड़े अब तक कुल 6 लोगो गिरफ्तार भी किया है.
देहरादून के गन हाउस मालिक ने की डिलीवरी
दिल्ली के ईस्ट डिस्ट्रिक्ट की डीसीपी प्रियंका कश्यप ने बताया कि गिरफ्त में आए इस नेटवर्क के तार किसी आतंकी संगठन या मॉड्यूल से जुड़े हैं? इस बात की जांच दिल्ली पुलिस कर रही है. लेकिन अब तक कि जांच के मुताबिक मेरठ की जेल में बन्द अनिल नाम के एक गैंग्स्टर ने उत्तर प्रदेश के जौनपुर के सद्दाम की बात देहरादून के परीक्षित नेगी से करवाई थी. सद्दाम को हाई कैलिबर कारतूस की जरूरत थी तो देहरादून में गन हाउस के मालिक परीक्षित नेगी धोखे से कारतूस बेचता था. जेल में बन्द अनिल ने दोनो की बात करा दी थी.
दिल्ली के पटपड़गंज इंडस्ट्रियल एरिया थाने के एसएचओ सुरेंद्र कुमार की टीम को इस गैंग की जानकारी तब लगी, जब आनंद विहार के ऑटो ड्राइवर ने शक के बाद वहां मौजूद सिपाहियों को बताया कि दो लड़के हैं, जिनके पास बेहद भारी बैग है. जिसमें कुछ गलत समान हो सकता है. पुलिस ने उन दोनों लड़कों की जब जांच की तो उनमें से भारी मात्रा में हाई कैलीबर कारतूस मिले. ये बात 6 अगस्त की है. पकड़ में आए दोनों लड़कों के नाम राशिद और अजमल थे. पुलिस (Delhi Police) को बताया कि ये कारतूस वे देहरादून से लेकर आ रहे थे और आगे इन्हें पहले लखनऊ और फिर जौनपुर पहुंचाना था.
गन हाउस मालिक को पुलिस ने किया अरेस्ट
इन दोनों से मिली जानकारी के आधार पर दिल्ली पुलिस ने रॉयल गन हाउस के मालिक परीक्षित नेगी को पहले जीरो इन किया और फिर उसे गिरफ्तार कर लिया. जांच में पता लगा कि हेरफेर करके परीक्षित नेगी कई बार क्रिमिनल को कारतूस बेच चुका है. इसके अलावा जब पुलिस ने आगे के बारे में जानकारी जुटाई तो पता लगा कि राशिद और अजमल फिलहाल इन कारतूसों को जौनपुर के सद्दाम के पास पहुंचाने वाले थे.
बाकी आरोपियों की तलाश कर रही है पुलिसपुलिस के मुताबिक, परीक्षित नेगी कारतूस देते वक्त बड़ी सावधानी रखता था. लेकिन टैटू और कार के नंबर के जरिए पुलिस उस तक पहुंच गई. पुलिस का कहना है कि सद्दाम को आगे इन कारतूस को किसी बड़े गैंगस्टर को सप्लाई करना था जो जौनपुर का रहने वाला है. पुलिस फिलहाल इस एंगल पर इस मामले की जांच आगे कर रही है. साथ ही पुलिस यह भी पता लगाने की कोशिश कर रही है कि क्या इस पूरे नेटवर्क का तार किसी आतंकी संगठन से तो नहीं जुड़े हैं. दरअसल 15 अगस्त से ठीक पहले इतनी बड़ी मात्रा में कारतूस बरामद होने के बाद दिल्ली पुलिस फिलहाल सतर्क हो चुकी है.