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चंद्रयान-3 से कुछ ऐसा दिखा चांद ( चांद)का नजारा,

नई दिल्‍ली. चंद्रयान-3 के चंद्रमा ( चांद)  की कक्षा में सफलतापूर्वक प्रवेश करने के एक दिन बाद रविवार को अंतरिक्ष यान द्वारा ली गई चंद्रमा की पहली झलक जारी की गई. इससे संबं‍धित ट्वीट में कहा गया, “5 अगस्त, 2023 को चंद्र कक्षा प्रविष्टि (एलओआई) के दौरान चंद्रयान 3 अंतरिक्ष यान द्वारा देखा गया- चंद्रमा.” यह चंद्रयान-3 की एक और बड़ी उपलब्धि है. अंतरिक्ष यान अपने मिशन पर सफलतापूर्वक आगे बढ़ रहा है.

सफल संचालन के बाद चंद्रयान-3 ने शनिवार को भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) को संदेश दिया ‘मैं चंद्र गुरुत्वाकर्षण महसूस कर रहा हूं.’ यह अंतरिक्ष एजेंसी के महत्वाकांक्षी 600 करोड़ रुपये के मिशन में एक प्रमुख मील का पत्थर है. इसरो ने उपग्रह से अपने केंद्रों को एक संदेश साझा किया, जिसमें लिखा था, “MOX, ISTRAC, यह चंद्रयान-3 है. मैं चंद्र गुरुत्वाकर्षण महसूस कर रहा हूं.”

अंतरिक्ष यान की स्थिति की लगातार निगरानी
इसरो ने कहा, बेंगलुरु मिशन ऑपरेशंस कॉम्प्लेक्स से अंतरिक्ष यान की स्थिति की लगातार निगरानी की जा रही है और सारे सिस्टम सही तरह से काम कर रहे हैं. अब भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) 23 अगस्त को चंद्रयान-3 की चंद्रमा की सतह पर ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ कराने की कोशिश करेगा. एक अगस्त की शुरुआत में अंतरिक्ष यान ने ट्रांस-लूनर इंजेक्शन (टीएलआई) के जरिए 288 किलोमीटर गुणा 3.7 लाख किलोमीटर की कक्षा हासिल की थी और चंद्रमा के प्रभाव क्षेत्र में प्रवेश किया था.

चंद्रयान-3 की एक और सफलता, चंद्रमा की कक्षा में स्‍थापित
“चंद्रयान-3 सफलतापूर्वक चंद्रमा की कक्षा में स्थापित हो गया है. अंतरिक्ष एजेंसी ने कहा, पेरिल्यून पर रेट्रो-बर्निंग का आदेश मिशन ऑपरेशंस कॉम्प्लेक्स (एमओएक्स), इस्ट्रैक (इसरो टेलीमेट्री, ट्रैकिंग और कमांड नेटवर्क), बेंगलुरु से दिया गया था. पेरिल्यून चंद्रमा पर अंतरिक्ष यान का सबसे निकटतम बिंदु है. इसरो ने एक ट्वीट में कहा, कक्षा में कमी का ऑपरेशन रविवार रात 11 बजे किया जाएगा. अंतरिक्ष एजेंसी के कई वैज्ञानिकों ने पिछले एक महीने में कहा है कि वे एक सफल एलओआई के लिए आश्वस्त हैं, क्योंकि यह 2019 (चंद्रयान -2) और 2008 (चंद्रयान -1) में दो बार इसमें सफलता हासिल की गई है.

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