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ग्रामीण इलाकों की अपेक्षा राजधानी में मानसून जमकर मेहरबान

भोपाल । राजधानी (Monsoon is kind)में बीते 2 साल से ग्रामीण इलाकों की अपेक्षा मानसून जमकर मेहरबान (Monsoon is kind)है। साल 2021 में शहर में सबसे ज्यादा 40 इंच बारिश हुई थी, जबकि इस साल तो यह आंकड़ा 67 इंच तक पहुंच चुका है। सबसे ज्यादा बारिश भोपाल में 65 इंच बारिश हो चुकी है। यह सामान्य से 97% ज्यादा है। अभी तक सामान्य तौर पर औसतन 33 इंच बारिश होना चाहिए।

भोपाल में 5 जगहों पर बारिश को मापने का सिस्टम है। दूसरे नंबर पर नबीबाग है। तीसरे नंबर पर बैरागढ़, कोलार और फिर बैरसिया का नंबर आता है। भोपाल सिटी करीब 50 साल से आसपास के इलाकों से औसत बारिश के मामले में भी नंबर वन बना हुआ है। इसके साथ ही ऐसे क्षेत्रों में अधिक बारिश होती है, जहां बड़े तालाब और बड़ी नदियां होती हैं।

यह लोकल सिस्टम को बनाते हैं। ऐसे में कई बार स्ट्रांग सिस्टम नहीं होने से भी इन इलाकों में बारिश हो जाती है। यही कारण है कि बीते दो साल से भोपाल शहर में बैरागढ़ और बैरसिया से भी ज्यादा बारिश हो रही है। इस साल भोपाल के आसपास लगातार बारिश होती रही। जून से जुलाई तक मानसून ट्रांजीशन पीरियड में लोकल एक्टिविटी यानि मानसून आने के पहले हल्की बारिश भी होती रही।

परिस्थितियां अनुकूल होने के कारण नबीबाग में भी जमकर बारिश हुई। शहर के बाद नबीबाग में सबसे ज्यादा पानी गिरा। भोपाल जिले में सबसे पहले बारिश का सिस्टम बैरागढ़ में लगा था। यह भोपाल जिले का मुख्य केंद्र है। यहां की बारिश को जिले की बारिश माना जाता है। इसके बाद भोपाल शहर, बैरसिया, कोलार और नबीबाग में सिस्टम लगे। अब भोपाल में ज्यादा बारिश रिकॉर्ड की जाने लगी है।

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