उत्तर प्रदेश

प्रधानमंत्री आवास में बंदर बांट हावी , जिनके पक्के निवास उनको आवास , जो छप्पर में कर रहे गुजर उन पर नहीं नजर !

विचार सूचक  – ( राजू गोस्वामी ) – फतेहपुर – उत्तर प्रदेश के फतेहपुर जनपद के जहानाबाद विधानसभा के ब्लॉक देवमई के गांवों में प्रधानमंत्री आवास योजना में बंदरबांट हावी है। जिनके पक्के मकान हैं, खेती है, व्यापार है, कार है, उन्हें गांव की संसद में पात्रता सूची में चयनित किया गया है। आस-पड़ोस से मांग कर मेहनत मजदूरी से दो जून की रोटी का जुगाड़ कर छप्पर के नीचे गुजर-बसर करने वालों को अपात्र करार दिया गया है। ग्रामीणों ने प्रधानमंत्री आवास आवंटन में बंदरबांट का आरोप लगाया है। मिरांई गांव के एक व्यक्ति का पक्का मकान बीते साल बना है। घर पर ही दुकान व्यापार है, इनकी पत्नी को 2022 _23 में प्रधानमंत्री आवास के लिए चयनित किया गया है। प्रधानमंत्री आवास के लिए 1लाख बीस हजार रुपए 19 फरवरी को अवमुक्त हुए हैं। 40 हजार रुपए की पहले किस्त 6 मार्च 2023 को खाते में आ चुकी है। 3 माह बीत जाने के बाद भी आवास के निर्माण का श्रीगणेश अन्य कहीं नहीं हुआ है। इसके पहले भी धांधली का आरोप देवमई ब्लॉक के कौड़िया ,रहसूपुर, रसूलपुर, पधारा ,रूसी औसेरीखेड़ा, सुजावलपुर अन्य ग्राम सभाओं में लग चुका है।

छप्पर के नीचे गुजर बसर करने वाले निराश

मिरांई गांव में अरविंद , पत्नी कुसुमा के साथ कुनबे को लेकर छप्पर के नीचे गुजर-बसर कर रहा है। अरविंद ने बताया मेहनत मजदूरी कर परिवार का पेट पालता हूं। आस-पड़ोस से तिन पती मांगकर छप्पर डाल लेता हूं। अभी तक प्रधानमंत्री आवास के लिए मुझे निराश किया गया है। सिस्टम की कारगुजारी के चलते हैं मुझे हर बार आपात्र करार दिया जाता है।

40 परिवार कच्चे घर व छप्पर में कर रहे गुजर-बसर

मिराई ग्राम सभा में घिनवाखेड़ा ,प्रतापपुर, खुमान खेड़ा ,रियांरी मजरे आते हैं। यहां पर 40 परिवार गरीबी की रेखा के नीचे जीवन यापन कर रहे हैं। यह कच्चे घरों झोपड़ी और छप्पर के नीचे रह रहे हैं। खुमान खेड़ा के राकेश लोधी को छप्पर भी नसीब नहीं है।

क्या कहते हैं जिम्मेदार

ग्राम प्रधान रामसागर ने बताया ,पूर्व प्रधान द्वारा किए गए गलत चयन का खामियाजा 40 परिवार भुगत रहे हैं। 105 आवास आए थे जिनमें जांच के बाद 65 पात्रों को चयनित किया गया है। 40 गरीब परिवारों को भरसक प्रयास कर निश्चित तौर पर आवास उपलब्ध कराया जाएगा।

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