पुतिन के साथ मिलकर कुछ ठोस पहल कर सकते मोदी और उज्बेक राष्ट्रपति

ताशकंद । उज्बेकिस्तान (Uzbek President) के शहर समरकंद में 15 और 16 सितंबर को शंघाई कोऑपरेशन ऑर्गनाइजेशन यानी SCO की मीटिंग होने जा रही है। उज्बेकिस्तान 2022 की SCO समिट का होस्ट है। 2023 में इसकी मेजबानी भारत को करनी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Uzbek President) इसमें हिस्सा लेंगे।
इस दौरान रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन से उनकी मुलाकात होगी। माना जा रहा कि दोनों नेताओं के बीच रूस-यूक्रेन जंग और फूड सिक्योरिटी जैसे अहम मसलों पर बातचीत हो सकती है।पहली- रूसी राष्ट्रपति पुतिन के साथ और दूसरी मेजबान उज्बेक राष्ट्रपति शावकत मिर्जियोयेव के साथ।
दोनों ही मुलाकातें SCO समिट के इतर यानी अलग होंगी। SCO समिट में चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ भी हिस्सा लेंगे। हालांकि, अब तक यह साफ नहीं है कि मोदी इन दोनों नेताओं से आपसी बातचीत करेंगे या नहीं।
अब तक यह साफ नहीं है मोदी चीनी राष्ट्रपति और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री से मुलाकात करेंगे या नहीं। भारतीय विदेश मंत्रालय भी इस मामले में कुछ बोलने से परहेज कर रहा है।फरवरी में रूस-यूक्रेन के बीच जंग शुरू हुई थी और यह अब तक जारी है। दोनों पक्षों को काफी नुकसान हुआ है।
शुरुआती बढ़त के बाद हालिया दिनों में रूसी सेना को यूक्रेन के उत्तरी हिस्से में काफी नुकसान उठाकर पीछे हटना पड़ा है। दूसरी तरफ, इस जंग की वजह से फूड क्राइसिस गहरा गया है। मोदी और उज्बेक राष्ट्रपति यूक्रेन के मसले पर पुतिन के साथ मिलकर कुछ ठोस पहल कर सकते हैं।
एक और मुलाकात पर दुनिया और खासतौर पर अमेरिका की नजरें रहेंगी। जिनपिंग और पुतिन के बीच बातचीत का ऐलान दोनों देशों ने कर दिया है। दोनों ही देशों से अमेरिका की ठनी हुई है। ऐसे में SCO प्लेटफॉर्म इस बार वर्ल्ड ऑर्डर को प्रभावित कर सकता है।