उन्नति योजना से मनरेगा श्रमिकों को बनाया जा रहा है कुशल और दक्ष मनरेगा में 100 दिन का कार्य करने वालों को मिल रहा मौका !
लखनऊ -: (15 जनवरी, 2025 ) -: मनरेगा कामगार मात्र मजदूर बनकर न रह जाएं, इसलिए उन्हें अपने क्षेत्र में कुशल, हुनरमंद और काबिल बनाने के लिए प्रदेश के उपमुख्यमंत्री श्री केशव प्रसाद मौर्य जी के नेतृत्व और निर्देशन में प्रदेश में मिशन उन्नति योजना के तहत प्रशिक्षित कराया जा रहा है। इसके लिए 18 से 45 वर्ष आयु तक के 100 दिनों का रोजगार पूरा करने वाले मनरेगा जॉब कार्ड धारक व उनके परिवारीजन के पात्र और इच्छुक सदस्यों को प्रशिक्षित किए जाने की व्यवस्था की गई है।
मनरेगा योजना सरकार द्वारा संचालित यह बहुत ही महत्वाकांक्षी योजना है। इस योजना का लाभ सीधे तौर पर उन परिवारों को मिलता है, जो ग्रामीण इलाकों में रहते हैं, और अकुशल हैं। अब मनरेगा योजना के तहत रोजगार हासिल कर श्रमिकों को मिशन उन्नति के तहत कौशल विकास के लिए प्रशिक्षण दिया जा रहा है। ’मिशन उन्नति का उद्देश्य’ ग्राम्य विकास विभाग की मिशन उन्नति योजना लोगों में कौशल को बढ़ाने का लिए है। लोगों में कौशल विकास किस तरह बढ़ाया जाए ,इस पर जोर दिया जा रहा है। मनरेगा के अंतर्गत काम करने वाले सभी कामगारों को कौशल विकास प्रशिक्षण देकर उन्हें आत्मनिर्भर बनाने की प्रेरणा दी जा रही है। लोगों को स्वरोजगार और रोजगार की दिशा में प्रेरित किया जा रहा है। इसका मुख्य उद्देश्य लोगों को अपने पैरों पर खड़ा करके अपनी आजीविका का संवर्धन करना है ।
’39 से ज्यादा विधाओं में निःशुल्क प्रशिक्षण कार्यक्रम’
लोगों के साथ मनरेगा कामगारों में कौशल को बढ़ाने के लिए विभाग की तरफ से प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाए जा रहे है। उन्हें आत्मनिर्भर बनाने के लिए मिशन उन्नति के माध्यम से प्रशिक्षण देकर उनके अंदर कौशल का विकास किया जा रहा है। प्लंबरिंग, सैनेटरी और उद्यमिता विकास के 39 से भी ज्यादा निःशुल्क प्रशिक्षण कार्यक्रम शामिल हैं।
त्म्ज्प् के लोकप्रिय कोर्स (ज्त्।क्म्) और बैच साइज’
मनरेगा कामगारों में कौशल को बढ़ाने और उन्हें आत्मनिर्भर बनाने के लिए आरसेटी के कई लोकप्रिय कोर्स हैं। त्ैम्ज्प् के 3 दर्जन से ज्यादा कोर्स हैं, जिनकी ट्रेनिंग के लिए बैच साइज भी निर्धारित किया गया है। बैंक मित्र, मोमबत्ती बनाना, कम्प्यूटर वर्क, डेयरी फार्मिंग, फास्ट फूड स्टॉल, पोल्ट्री, कृषि उद्यमी, महिला टेलर, 2 पहिया वाहन मैकेनिक समेत कुल 39 कोर्स हैं। अलग-अलग कोर्स के लिए अलग-अलग बैच साइज हैं। 25 से 35 लोगों का बैच साइज बनाया गया है।
’प्रशिक्षण समय और वेतन क्षतिपूर्ति हानि’
कामगारों के प्रशिक्षण के लिए अलग-अलग कोर्स/ट्रेड की अवधि भी निर्धारित की गई है। न्यूनतम 6 दिन और अधिकतम 45 दिनों की ट्रेनिंग का समय रखा गया है। साथ ही इस बात का भी ख्याल रखा गया है कि श्रमिकों को आर्थिक क्षति भी न हो। इसलिए श्रमिकों को प्रत्येक प्रशिक्षण दिवस का वेतन क्षतिपूर्ति हानि (ॅंहम ब्वउचमदेंजपवद स्वेेद्ध का भुगतान मनरेगा योजना से किया जाता है।
मिशन उन्नति योजना के तहत पात्र मनरेगा जॉब कार्ड धारकों को ग्रामीण स्व-रोजगार प्रशिक्षण संस्थान (त्ैम्ज्प्), उत्तर प्रदेश कौशल विकास मिशन (न्च्ैक्ड), उत्तर प्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन (न्च्ैत्स्ड) के माध्यम से प्रशिक्षण दिया जा रहा है।उन्नति योजना में ग्रामीण आजीविका मिशन का (ैत्स्ड) की मुख्य रूप से भूमिका लाभार्थियों का चयन करना और उनके प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन करना है।वित्तीय वर्ष 2023-24 में प्रशिक्षण के लिए 12,000 से ज्यादा श्रमिकों का रजिस्ट्रेशन कराया जा चुका है। वहीं वर्तमान वित्तीय वर्ष 2024-25 में अब तक 8,798 लोगों का रजिस्ट्रेशन किया जा चुका है। ज्ञंनेींस च्ंदरमम ।चच पर रजिस्टर्ड लोगों को प्रशिक्षण देने पर विभाग लगातार बल दे रहा है।
’प्रदेश के कामगार होंगे आत्मनिर्भर’
सरकार द्वारा चलाई जा रही उन्नति योजना से प्रदेश के कामगार आज कुशल और हुनरमंद हो रहे है। कौशल विकास प्रशिक्षण प्राप्त करने के बाद अपने-अपने क्षेत्र में श्रमिक आज आत्मनिर्भर बनकर कुशल कामगार बन रहे है। बड़ी संख्या में लोग इस योजना का लाभ लेकर अपने हुनर को निखार रहे हैं। ’पात्रता’ महात्मा गांधी नरेगा योजना के तहत किसी भी वित्तीय वर्ष में 100 दिन का रोजगार पूरा करने वाले श्रमिक/कामगार व उनके परिजन जिनकी आयु 18 से 45 वर्ष के बीच हैं,
ऐसे लोग इस प्रशिक्षण कार्यक्रम के लिए पात्र हैं। आयुक्त, ग्राम्य विकास श्री जी0एस0 प्रियदर्शी द्वारा सभी जनपदों को निर्देश भी दिए जा चुके हैं कि पात्र और इच्छुक मनरेगा कामगारों का पंजीकरण कराकर प्रशिक्षण दिलाना सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने कहा कि इस कार्य को मिशन मोड में करने की आवश्यकता है,