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MLA ने क्यों कहा- मेरी टांग काट देना; 37 दिन बाद ‘शक्तिमान’ ने दम तोड़ा
देहरादून.उत्तराखंड पुलिस के घोड़े ‘शक्तिमान’ ने 37 दिनों के बाद बुधवार को आखिरकार दम तोड़ दिया। 14 मार्च को बीजेपी के प्रदर्शन में जख्मी होने के बाद उसका बायां पैर काटा गया था। तब से वह पूरी तरह से ठीक नहीं हो पाया था। इस मामले के आरोपी बीजेपी एमएलए गणेश जोशी ने कहा, ”इस मामले में मेरी कोई गलती नहीं है। अगर दोषी साबित हुआ तो मेरी टांग काट देना। ”घोड़े की आड़ में करप्शन छुपा रही कांग्रेस…
– उत्तराखंड बीजेपी के प्रेसिडेंट अजय भट्ट ने कहा- ‘ शक्तिमान की मौत के लिए कांग्रेस सरकार जिम्मेदार है।’
– ‘जानबूझकर उसका सही तरीके से इलाज नहीं किया गया। इसके चलते ही टांग काटनी पड़ी और मौत हो गई।’
– ‘कांग्रेस सरकार घोड़े की आड़ में अपना करप्शन छुपा रही है।’
– पूर्व सीएम हरीश रावत ने कहा है- ‘शक्तिमान की मौत की खबर सुनकर शॉक्ड हूं। मैं शब्दों में अपनी फीलिंग नहीं बता सकता हूं। मैं सोच रहा था कि वह जल्दी ठीक हो रहा है।’
– शक्तिमान का इलाज कर रही डॉक्टर ने कहा,”मैं बहुत दुखी हूं, हम सब ने उसे बचाने की पूरी कोशिश की। आज जो भी हुआ दुखद है।”
– वहीं, बीजेपी एमएलए गणेश जोशी ने कहा, ”शक्तिमान की मौत दुखद है। इस हादसे में मेरी कोई गलती नहीं है। अगर दोषी साबित हुआ तो मेरी टांग काट देना।”
कब हुआ था हादसा
– बता दें कि बीजेपी वर्कर्स 14 मार्च को असेंबली का घेराव कर रहे थे। उसी दौरान उनकी पुलिस से झड़प हुई।
– आरोप है कि झड़प के दौरान मसूरी से एमएलए गणेश जोशी ने घोड़े को लाठी से मारा था।
– आरोप है कि झड़प के दौरान मसूरी से एमएलए गणेश जोशी ने घोड़े को लाठी से मारा था।
– इसका एक वीडियो और फोटोज सोशल मीडिया में काफी वायरल हुए थे।
– गणेश जोशी फिलहाल बेल पर हैं। मामले की सुनवाई कोर्ट में चल रही है।
– इस मामले में बीजेपी वर्कर प्रमोद बोरा को भी अरेस्ट किया गया था।
– इस मामले में बीजेपी वर्कर प्रमोद बोरा को भी अरेस्ट किया गया था।
– बोरा पर आरोप है कि विवाद के समय उसने ही शक्तिमान की लगाम पकड़कर उसे खींचा था। जिससे वह गिर गया था। और उसे चोट लगी थी।
क्यों काटनी पड़ी शक्तिमान की टांग?
– 14 मार्च को जख्मी होने के बाद शक्तिमान के पैर की चार घंटे तक सर्जरी की गई। बाद में उसे प्रोस्थेटिक लेग लगाया गया।
– डॉक्टरों ने गैंगरीन फैलने के खतरे के चलते घोड़े की टांग काटी थी।
– डॉक्टरों का कहना था कि घोड़े को इन्फेक्शन से बचाने के लिए ऐसा करना जरूरी था।
– उसे देहरादून पुलिस लाइन में रखा गया था, जहां एक टीम उसकी देखरेख कर रही थी।
– बता दें कि 13 साल का ये घोड़ा राज्य की पुलिस फोर्स में 11 साल से सर्विस दे रहा था।