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MLA पत्नी बोली- मैं भी बनूंगी नए फ्रंट का हिस्सा, 12 साल BJP में रहे नवजोत सिद्धू ने 56 दिन की नाराजगी के बाद छोड़ी पार्टी

चंडीगढ़. नवजोत सिंह सिद्धू ने बुधवार को बीजेपी की मेंबरशिप से फॉरमली इस्तीफा दे दिया। कुछ दिनों पहले सिद्धू ने पंजाब में एक नया फ्रंट आवाज-ए-पंजाब बनाने का एलान किया था। बता दें कि अगले साल पंजाब में असेंबली इलेक्शन होने वाला है। इसमें ये फ्रंट अपनी किस्मत आजमा सकता है। सिद्धू 2004 में बीजेपी में शामिल हुए थे और उसी साल हुए आम चुनाव में अमृतसर सीट भी जीती थी। तब से लेकर 2014 तक यानी 10 साल ये इस सीट से लोकसभा सांसद रहे। इससे पहले, सिद्धू ने 18 जुलाई को राज्य सभा की मेंबरशिप से इस्तीफा दिया था। नाराजगी के 56 दिन बाद अब बीजेपी भी छोड़ दी। दुखद फैसला बताया…
– सिद्धू ने परगट सिंह और बैंस ब्रदर्स- सिमरजीत और बलविंदर सिंह के साथ मिलकर नया फ्रंट बनाने का एलान किया है।
– न्यूज एजेंसी के मुताबिक, सिद्धू ने इस्तीफा बीजेपी प्रेसिडेंट अमित शाह को भेजा। लिखा- ‘मैं बीजेपी की प्राइमरी मेंबरशिप से इस्तीफा देता हूं। लंबे समय तक बीजेपी से जुड़े होने के बाद न सिर्फ मेरे लिए बल्कि मेरी पत्नी, बच्चों के लिए यह एक दुखद फैसला है।’
– सिद्ध ने रेजिगनेशन लेटर ट्विटर पर भी पोस्ट किया। इसमें लिखा है कि- ‘ लेकिन पार्टी नहीं, पंजाब मेरे लिए पहली प्रॉयोरिटी है। पंजाब, पंजाबियत और हर पंजाबी जीतेगा।’
– बीजेपी के पंजाब में पार्टी इंचार्ज प्रभात झा ने कहा है कि सिद्धू का इस्तीफा स्वीकार कर लिया गया है।
– मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक सिद्धू की पत्नी नवजोत कौर ने अब तक बीजेपी नहीं छोड़ी है। कौर अमृतसर (ईस्ट) से बीजेपी की एमएलए हैं।
पत्नी नवजाेत ने क्या कहा?
– सिद्धू के साथ जाने के सवाल पर उनकी पत्नी और बीजेपी एमएलए नवजोत कौर ने कहा- ‘आवाज-ए-पंजाब अभी एक फ्रंट है, इसके पार्टी बनने के बाद यह तय है कि मैं भी इसका हिस्सा बनूंगी। इस्तीफा देकर मैं भी इससे जुड़ूंगी।’
सिद्धू के आप में शामिल होने की अटकलें थीं
– जुलाई में राज्य सभा की मेंबरशिप से इस्तीफा देने के बाद सिद्धू के आम आदमी पार्टी में शामिल होने की अटकलें थीं, लेकिन डेढ़ महीने चली बातचीत के बाद भी कोई फैसला नहीं हुआ।
– कहा ये जा रहा था कि सिद्धू सीएम कैंडिडेट बनना चाहते थे लेकिन केजरीवाल की पार्टी इसके लिए तैयार नहीं थी।
फ्रंट के एलान के साथ केजरी पर साधा था निशाना
– सिद्धू ने 8 सितंबर को प्रेस कॉन्फ्रेंस में आवाज-ए-पंजाब बनाने का एलान किया था। इसके साथ ही इन्होंने अरविंद केजरीवाल पर भी जमकर हमला बोला था।
– सिद्धू ने कहा था, ”भोली सूरत, दिल के खोटे, नाम बड़े और दर्शन छोटे। केजरीवाल भी मुझे डेकोरेटिव पीस बनाकर रखना चाहते थे। लेकिन मेरे सिर पर लिखा है- Note for sale…।”
– सिद्धू ने ये भी कहा था कि आवाज-ए-पंजाब अभी पार्टी नहीं है। इसके भविष्य के बारे में 15 दिन में फैसला होगा।
चुनाव लड़ा तो 41 सीटों पर असर डाल सकता है फ्रंट
– दरसअल, सिद्धू पटियाला के रहने वाले हैं, अमृतसर लोकसभा सीट से चुनाव लड़ते रहे हैं। यहां से 10 साल सांसद रहे हैं।
– परगट सिंह जालंधर ईस्ट से विधायक हैं। अकाली दल से सस्पेंड हो चुके हैं।
– सिमरजीत सिंह बैंस लुधियाना की आत्म नगर सीट और बलविंदर सिंह बैंस लुधियाना साउथ से निर्दलीय विधायक हैं।
– इन चारों जिलों में 41 विधानसभा सीटें हैं, जिन पर ‘आवाज-ए-पंजाब’ फ्रंट असर डाल सकता है।

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