उत्तराखंड

खनन का कारोबार राजस्व का बंटाधार

शिवाकान्त पाठक

उपजाऊ खेतो की मिटटी की खुदाई करने जे सी बी व्दारा किये जाने की अनुमति प्रसासन देता है वह भी तीन फिट व दो हजार से पांच हज़ार घन मीटर लेकिन खनन माफियाओं व्दारा खेतों को छोड़ बंजर जमीनों पर दस व पंद्रह फिट गहरे गढ्ढे कर बेखौफ बीस हज़ार घन मीटर अवैध खनन किया जाता है शिकायत होने पर संबधित अधिकारियों को मजबूरी में जाकर दिखावटी कार्यवाही भी करनी पड़ती है जबकि उन्हे सब कुछ पहले से ही पता होता है क्यों कि जब ऐक नहीं कई बार इस तरह अबैध खनन पकड़ा गया हो इसके बावजूद भी संबधित अधिकारी हांथ पर हांथ रखकर परमीसन देने के बाद बैठ जायें तो आप क्या समझेगें कुछ तो दूध में काला होता ही है हांलाकि ऐस डी ऐम कुसुम चौहान इस मामले में बेहद निडर व निर्भीक होकर कार्यवाही करतीं थीं यह बात लोगों में आज भी चर्चा का विषय है खनन ने भी ऐक व्यापार का रूप अख्त्यार कर लिया आपने सुना होगा ऐक गाने की धुन मैने भी सुनी थी जब मैं पढ़ता था ,मेरे देश की धरती सोना उगले – – – उगले हीरा मोती ?? सब कुछ उगलने वाली धरती जिसे हम माँ कह कर बुलाते जिसकी गोद में हम जन्म लेते हैं व अंतिम सांस भी इसी धरती पर लेते हैं साहब तो फिर यह पर गहरे घाव कहीं हमारा वहशीपन तो नहीं है कहीं हम आने वाले समय में भयानक भू स्खलन आदि को आमंत्रण तो नहीं दे रहे हैं यदि शासन प्रशासन ने खुदाई जो मानक तय किये हैं उनका उलंघन ना करते हुए जनता हम मर्यादा में रहकर काम करें तो शायद दैवी आपदाओ से निजात मिल सकती है लेकिन बात तो यह है कि हर शाख पे उल्लू बैठा है अंजाम गुलिस्ताँ क्या होगा ! कहने वालों के गलों में भले ही चिल्लाते चिल्लाते छाले पड़ जाए परन्तु जिम्मेदार लोग टस से मस नहीं होना चाहते व करोड़ो का खेल तथा राजस्व की चोरी निरंतर अबाध रूप से होती रहेगी! मामला रूद्र पुर का है परमिशन की आड़ में हजारों घन मीटर अवैध खनन कर लिया। संयुक्त मजिस्ट्रेट गौरव कुमार ने जब मौके पर जांच की तो अवैध खनन का खुलासा हुआ। संयुक्त मजिस्ट्रेट के आदेश पर राजस्व टीमों ने मौके पर पैमाइश कर रिपोर्ट संयुक्त मजिस्ट्रेट को भेजी गई संयुक्त मजिस्ट्रेट की कार्रवाई से खनन माफिया में हड़कम्प मचा जुर्माने की भारी भरकम राशि किसान को भरना पड़ी जिसने मिट्टी खनन के लिए अनुमति ली थी।

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