नेशनल पेंशन (National Pension ) सिस्टम के तहत न्यूनतम गारंटीड रिटर्न योजना!

नई दिल्ली. अपने भविष्य को सुरक्षित करने के लिए नेशनल पेंशन सिस्टम में निवेश करने वाले लोगों के लिए एक अच्छी खबर आई है. दरअसल, PFRDA (पेंशन फंड रेगुलेटरी एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी) एक गारंटी वाला पेंशन प्रोग्राम शुरू करने की तैयारी में है.
इसके प्रोग्राम के तहत न्यूनतम गारंटी रिटर्न योजना लाने की तैयारी है, जिससे देश के करोड़ों निवेशकों को लाभ मिलेगा. इसे नेशनल पेंशन(National Pension ) सिस्टम (NPS) में ही 30 सितंबर तक लॉन्च किया जा सकता है.
30 सितंबर से शुरू हो सकती है योजना
पीएफआरडीए के चेयरपर्सन सुप्रतिम बंधोपाध्याय ने शुक्रवार को संवाददाताओं से कहा कि अभी हम न्यूनतम गारंटी रिटर्न योजना पर काम कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि पीएफआरडीए अपने निवेशकों पर महंगाई और रुपये की वैल्यू में गिरावट से पड़ने वाले असर को समझता है और उसी के मुताबिक रिटर्न देता है. अभी NPS में एक न्यूनतम रिटर्न योजना पर काम चल रहा है, इससे निवेशकों को एक बड़ी राशि मिल सकेगी. बंदोपाध्याय ने बताया कि 30 सितंबर से न्यूनतम गारंटी योजना शुरू की जा सकती है.
नेशनल पेंशन स्कीम से अब तक कितना रिटर्न?
सुप्रतिम बंदोपाध्याय ने बताया कि पिछले 13 सालों में नेशनल पेंशन स्कीम से निवेशकों को सालाना 10.27% से अधिक की दर से रिटर्न दिया गया है. NPS के तहत निवेशकों को ऐसा रिटर्न देने की कोशिश रही है, जिससे उनपर महंगाई का असर कम से कम हों. गारंटी रिटर्न योजना के आने से देश के करोड़ों लोगों को फायदा होगा और नेशनल पेंशन में आवेदन करने वालों की संख्या भी तेजी से बढ़ेगी.
इस साल 20 लाख हो जाएंगे सब्सक्राइबर
PFRDA के चेयरपर्सन ने कहा कि पेंशन एसेट्स (परिसंपत्तियों) का साइज 35 लाख करोड़ रुपये है, जिसमें से 22 फीसदी यानी कुल 7.72 लाख करोड़ रुपये NPS के पास और 40 फीसदी हिस्सा EPFO (कर्मचारी भविष्य निधि संगठन) के पास है. उन्होंने बताया कि इसमें जुड़ने की अधिकतम आयु को बढ़ाकर 70 वर्ष कर दिया है, जिससे इस साल सब्सक्राइबर्स की संख्या में काफी बढ़ोतरी हुई है. कुल सब्स्क्राइबर्स की संख्या अब 3.41 लाख से बढ़कर 9.76 लाख हो गई है. चालू वित्त वर्ष में इनकी संख्या में 20 लाख की बढ़ोतरी का अनुमान है.क्या है नेशनल पेंशन स्कीम यानी NPS?
नेशनल पेंशन स्कीम देश की राष्ट्रीय पेंशन योजना है, जिसे केंद्रीय कर्मचारियों के लिए 1 जनवरी 2004 से अनिवार्य किया गया. 2009 से इसमें निजी सेक्टर के कर्मचारियों को भी निवेश की छूट दी गई. कर्मचारी नौकरी में रहते हुए इसमें निवेश करते हैं और रिटायरमेंट के बाद उन्हें इसका फायदा मिलता है. सरकार इस पर उन्हें रिटर्न देती है. यह बाजार से जुड़ी हुई योजना है. इसके रिटर्न में भी उतार-चढ़ाव हो सकता है. रिटायरमेंट से पहले भी कुछ शर्तों के अधीन रहते हुए इसमें से कुछ हिस्सा निकाल सकते हैं.