अंतराष्ट्रीय

मेहुल चोकसी (Mehul Choks)ने जीती अदालती लड़ाई

रोसो (डोमिनिका). भारत में 13,000 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी के मामले में वांछित भगोड़े हीरा कारोबारी मेहुल चोकसी (Mehul Choks) को एंटीगुआ और बारबुडा के हाईकोर्ट ने शुक्रवार को एक बड़ी राहत दी है. हाईकोर्ट ने कहा कि चोकसी को एंटीगुआ और बारबुडा से बाहर नहीं ले जाया जा सकता है. मेहुल चोकसी ने अपने दीवानी मुकदमे में तर्क दिया है कि एंटीगुआ के अटॉर्नी जनरल और पुलिस प्रमुख पर उसके खिलाफ दर्ज मामलों की जांच करने का दायित्व है. डोमिनिका के नेचर आइल न्यूज के मुतबिक मेहुल चोकसी ने अपने साथ अमानवीय या अपमानजनक व्यवहार या सजा की आशंका भी जताई है.

मेहुल चोकसी ने खुद को राहत देने की मांग करते हुए कहा था कि 23 मई, 2021 को एंटीगुआ और बारबुडा से उसके जबरन अपहरण की गहनता से जांच होनी चाहिए. मामले की सुनवाई के बाद उच्च न्यायालय ने अपने फैसले में कहा कि कोर्ट के आदेश के बिना एंटीगुआ और बारबुडा की सीमा से मेहुल चोकसी को बाहर नहीं ले जाया जा सकता है. कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि डोमिनिकन पुलिस इसकी पुष्टि करे कि इसके बारे में सबूत हैं कि चोकसी को उसकी इच्छा के खिलाफ जबरन डोमिनिका ले जाया गया था. चोकसी ने दावा किया था कि उसे जबरन एक नाव में डोमिनिका ले जाया गया था.

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गौरतलब है कि हीरा कारोबारी मेहुल चोकसी पंजाब नेशनल बैंक में 13,000 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी के सिलसिले में भारत में वांछित है. सीबीआई पहले ही कह चुका है कि वह आपराधिक न्याय की प्रक्रिया का सामना करने के लिए भगोड़ों और अपराधियों को भारत वापस लाने के लिए प्रतिबद्ध है. वांछित अपराधियों और आर्थिक अपराधियों की पहचान और वापसी के लिए विदेशी कानून प्रवर्तन एजेंसियों के साथ निकट समन्वय में कई व्यवस्थित कदम उठाए गए हैं. पिछले 15 महीनों में 30 से अधिक वांछित अपराधी भारत लौट आए हैं. सीबीआई ने मेहुल चोकसी और अन्य के खिलाफ 15 फरवरी, 2018 को पंजाब नेशनल बैंक से धोखाधड़ी करने का मामला दर्ज किया गया था. इसके बाद 2022 में सीबीआई ने बैंकों और वित्तीय संस्थानों को धोखा देने के लिए मेहुल चोकसी और अन्य के खिलाफ पांच और आपराधिक मामले दर्ज किए.

 

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