मेरठ-गढ़ हाईवे ने लोगों का सफर किया आसान

मेरठ । मेरठ (travel easy) की तस्वीर बदल रही है। दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे, मेरठ-बुलंदशहर हाईवे से लेकर और मेरठ-गढ़ हाईवे ने लोगों का सफर आसान (travel easy) बनाया है। ऐसे ही 5 प्रोजेक्ट मेरठ को रफ्तार दे रहे हैं। 2017 में इस हाईवे के निर्माण पर काम शुरु हुआ और दिसंबर 2020 तक पूरा किया जाना था। लेकिन कई बार कार्य बंद हुआ तो लॉकडाउन के कारण फिर से देरी हुई।
जून 2021 में यह पूरी तरह से बनकर तैयार हुआ। 45 हजार करोड़ के प्रोजेक्ट साल 2024 तक पूरे हो जाएंगे। इनमें सबसे बड़ा प्रोजेक्ट दिल्ली मेरठ रैपिड ट्रेन है। इस प्रोजेक्ट को 8 हजार करोड़ की लागत से विकसित किया गया है। मेरठ से गाजियाबाद, नोएडा और दिल्ली की तरफ 2 घंटे के सफर को अब सिर्फ 45 से 50 मिनटों में पूरा किया जा रहा है।
96 किमी. लंबे इस एक्सप्रेस वे को 4 चरण में पूरा किया गया है। पहले चरण में निजामुद्दीन सेतु से दिल्ली-यूपी की सीमा तक पूरा किया गया है। दूसरे चरण में दिल्ली-यूपी की सीमा से गाजियाबाद के डासना तक इसे तैयार किया गया। दिल्ली से मेरठ के मोदीपुरम तक रैपिड का काम तेजी से चल रहा है। इसी ट्रैक पर मेरठ के मोहिउद्दीनपुर से मोदीपुरम तक मेट्रो ट्रेन भी चलेगी।
दोनों के लिए एक ही ट्रैक तैयार किया गया है। 8 हजार करोड़ की लागत से तैयार दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे पर वाहन फर्राटा भर रहे हैं।तीसरे चरण में डासना से हापुड़ तक काम किया गया। चौथे चरण में हापुड़ बॉर्डर से परतापुर मेरठ तक इसे तैयार किया गया। 31 दिसंबर 2015 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसका उद्घाटन किया था।
2021 में यह पूरी तरह से बनकर तैयार हुआ। हापुड़ जिले की सीमा में हापुड़ में बाइपास बनाया गया है। बुलंदशहर जिले में गुलावठी में बाइपास बनाया गया है।मेरठ से हापुड़ जाने के लिए कोई टोल टैक्स वाहनों द्वारा नहीं दिया जा रहा, सिर्फ बुलंदशहर जाने के लिए टोल टैक्स दिया जा रहा है।