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#Mathura हिंसा: FIR दर्ज, रामवृक्ष के ‘बाग’ से मिला US मेड रॉकेट लॉन्चर
मथुरा. यहां जवाहर बाग में हुई हिंसा के बाद जांच कर रही बम डिस्पोजल स्क्वॉयड (बीडीएस) ने यूएस मेड रॉकेट लॉन्चर बरामद किया है। इस पर JEFFERSONOH 1044047 नंबर लिखा है। 4 जून को दर्ज हुए केस में भी इसका जिक्र है, लेकिन उस समय पुलिस ने केवल गोला-बारूद होने की बात कही थी। मामले में दर्ज हुई एफआईआर…
– 2 जून को हुई हिंसा के बाद मथुरा पुलिस के सर्च ऑपरेशन में यहां बीडीएस और फोरेंसिक टीम को 2.5 kg गन पाउडर, 5 kg सल्फर, 1 kg पोटास, 1 इलेक्ट्रॉनिक प्लेट और 0.5 kg लोहे के छर्रे मिले थे।
– पुलिस ने मंगलवार को ये भी खुलासा किया कि इन सबके साथ यूएस मेड रॉकेट लॉन्चर भी बरामद किया गया है।
– मथुरा बीडीएस प्रभारी रामपाल सिंह ने मामले में सदर थाने में एफआईआर दर्ज करवाई है।
– इसकी जांच कर रहे सब इंस्पेक्टर नंदलाल सिंह ने कहा कि जांच की जा रही है कि आखिर कैसे ये रॉकेट लॉन्चर रामवृक्ष यादव के पास पहुंचा था, किसने उसके लिए लॉन्चर जैसे हथियार अरेंज किए।
– बता दें कि 2 मई को उपद्रवियों के पास से मिले हथियारों और ऑपरेशन के वक्त हुए धमाकों से उठी रंगीन लपटों को देख पुलिस को जवाहर बाग में बड़ी मात्रा में विस्फोटक मौजूद होने की आशंका हुई थी।
– इसके बाद बम स्क्वॉयड और एंटी सबोटॉज की टीमें 270 एकड़ में फैले जवाहर बाग की एक-एक इंच जमीन की जांच कर रही थी।
– मथुरा बीडीएस प्रभारी रामपाल सिंह ने मामले में सदर थाने में एफआईआर दर्ज करवाई है।
– इसकी जांच कर रहे सब इंस्पेक्टर नंदलाल सिंह ने कहा कि जांच की जा रही है कि आखिर कैसे ये रॉकेट लॉन्चर रामवृक्ष यादव के पास पहुंचा था, किसने उसके लिए लॉन्चर जैसे हथियार अरेंज किए।
– बता दें कि 2 मई को उपद्रवियों के पास से मिले हथियारों और ऑपरेशन के वक्त हुए धमाकों से उठी रंगीन लपटों को देख पुलिस को जवाहर बाग में बड़ी मात्रा में विस्फोटक मौजूद होने की आशंका हुई थी।
– इसके बाद बम स्क्वॉयड और एंटी सबोटॉज की टीमें 270 एकड़ में फैले जवाहर बाग की एक-एक इंच जमीन की जांच कर रही थी।
– बाग में मर्सडीज जैसी महंगी गाड़ियां थीं। कैम्पस में कई जगह गड्ढे करके हथियार छुपाए गए थे।
यादव ने जवाहर बाग को छावनी बना लियाथा…
– बता दें, जवाहर बाग में हुई हिंसा में 25 से ज्यादा लोगों की मौत हुई थी, जिसमें दो पुलिसवाले भी शहीद हुए थे।
– इस बाग पर हिंसा के मुख्य आरोपी रामवृक्ष यादव ने पिछले दो साल से कब्जा कर रखा था। उसने बाग को छावनी में तब्दील कर लिया था।
– उसकी मर्जी के बिना कोई बाग में आ-जा नहीं सकता था। पुलिस भी नहीं।
– उसकी दहशत ऐसी थी कि बाग में मौजूद कई अफसर अपने दफ्तर और सरकारी घर छोड़कर चले गए थे।
– जबकि यह जगह एक ओर पुलिस लाइन और एसपी ऑफिस और दूसरी ओर जज कॉलोनी से घिरी है।
– उसकी दहशत ऐसी थी कि बाग में मौजूद कई अफसर अपने दफ्तर और सरकारी घर छोड़कर चले गए थे।
– जबकि यह जगह एक ओर पुलिस लाइन और एसपी ऑफिस और दूसरी ओर जज कॉलोनी से घिरी है।
– बाग का एन्ट्रेंस एसपी ऑफिस से जुड़ा है।
– स्थानीय निवासी हेम यादव ने बताया कि बाग के गेट पर तलवारधारी पहरा देते रहते थे। कॉलोनी के एक निवासी ने बताया कि अगर हम लोग छत पर जाते थे तो रामवृक्ष के लोग लाठी-डंडे, तलवार और पिस्टल दिखाते थे।
– स्थानीय निवासी हेम यादव ने बताया कि बाग के गेट पर तलवारधारी पहरा देते रहते थे। कॉलोनी के एक निवासी ने बताया कि अगर हम लोग छत पर जाते थे तो रामवृक्ष के लोग लाठी-डंडे, तलवार और पिस्टल दिखाते थे।