उत्तर प्रदेश
श्री राम जैसे मर्यादा पुरुषोत्तम और भारत जैसा भाई संसार में दूसरा होना मुश्किल– मानस मोहनी संध्या देवी राम कथा का महत्व किसी भी यज्ञ से कम नहीं-आचार्य महेश जी महाराज !

सिंगरौली -: ( डॉ0 संजुला सिंह ) -: मोरबा के शिव मंदिर में राम कथा के चौथे दिन अंतरराष्ट्रीय कथा वाचिका मानस मोहिनी संध्या देवी जी ने सीता जी के स्वयंवर और विवाह के का अदभुत वर्णनऔर करते हुए श्रोताओं को भारत के जीवन और उनके चरित्र के आदर्शो से जुड़ी महत्वपूर्ण शिक्षाओं को बताते हुए कहां कि जहां एक और प्रभु श्री राम ने मर्यादा पुरुषोत्तम होने का प्रमाण दिया तो दूसरी ओर भारत के त्याग को भी नहीं भूल जा सकता है प्रभु श्री राम के वनवास पर जाने के बाद उनकी खड़ाऊ को राज सिंहासन पर रखकर एक तपस्वी की भांति जीवन जीने का जो त्याग भारत जी द्वारा किया गया वैसा त्याग संसार में किसी भी काल में कोई नहीं कर सकता ।भरत जी के चरित्र का चित्रण औरआदर्श समाज के लिए प्रेरणा स्रोत है और समाज को जोड़ने का कार्य करता है ।
भरत जी जब ऋषि भारद्वाज आश्रम गए तो वहां ऋषि भारद्वाज से प्रभु राम से मिलने व उनको वापस लाने के संवाद का अद्भुत वर्णन कथा वाचिका संध्या जी द्वारा किया गया ।उनकी इस संवाद को मोरबा वासी मंत्र मुक्त होकर सुनते रहे। उन्होंने यह संदेश भी दिया कि प्रभु श्री राम और भारत के आदर्शों को हमें अपने जीवन में भी उतरना चाहिए तभी संसार का कल्याण होगा। कथा उपरांत आचार्य महेश जी महाराज प्रयागराज व अन्य भक्तजनों ने आरती पूजन कर प्रसाद ग्रहण किया।
राम कथा के चौथे दिन बिमल कुमार सिंह, कृष्ण कुमार जयसवाल, अनिल कुमार दिवेदी, कमलेश सिंह, अजय पांडे, ज्ञानेंद्र पांडे,सीमा धर दूबे, पूनम पाठक, वरिष्ठ पत्रकार/कवयित्री/लेखिका डॉ० संजुला सिंह, रीता सिंह, सुजाता सिंह, रेखा अग्निहोत्री, मालती त्रिपाठी, सुनीता सिंह, रेणु सिंह, निशा जायसवाल, निशा राय, इन्दु शर्मा ,बिन्दु सिंह कोमल सिंह, पल्लवी सिंह, पुष्पा गुप्ता, माधुरी सिंह, ममता सिंह, लवली सिंह, आरती, पूजा, बिन्दु तिवारी, संगीता त्रिपाठी आदि अन्य भक्तगण मुख्य रूप से उपस्थित रहे।