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भारत का नक्शा…(नक्शा.)टारगेट पर शहर

पुणे. महाराष्ट्र आईएसआईएस मॉड्यूल मामले में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने शनिवार को एक और संदिग्ध आकिफ अतीक नाचन को गिरफ्तार किया है. इस मामले में यह छठी गिरफ्तारी है. इस्लामिक स्टेट ऑफ इराक एंड सीरिया (आईएसआईएस) के सभी आरोपियों को 11 अगस्त तक पुणे आतंकवाद निरोधक दस्ते (एटीएस) की हिरासत में भेज दिया गया है. एटीएस ने कहा कि उन्हें एक भारतीय नक्शा  (नक्शा.) मिला जिसमें कई शहरों को चिह्नित किया गया था. उनसे मिले लैपटॉप की जांच से पता चला है कि आरोपियों ने आतंकवादी हमलों के तौर-तरीकों का अध्ययन किया था.

इस छापेमारी के दौरान इलेक्ट्रॉनिक गैजेट और दस्तावेज़ जैसी कई आपत्तिजनक सामग्रियां भी जब्त की गईं. एटीएस ने अपनी जांच के बाद अदालत को दी जानकारी में बताया है कि गिरफ्तार किए गए सभी आरोपी आईएसआईएस से जुड़े हैं. एजेंसी ने उल्लेख किया कि प्रारंभिक जांच से अल सुफा मॉड्यूल के साथ आरोपी के लिंक का संकेत मिलता है. हालांकि, जांच में अब पता चला है कि वे सभी आईएसआईएस का हिस्सा हैं. एटीएस ने अदालत के समक्ष सबूत के तौर पर एक भारतीय नक्शा भी पेश किया जिस पर कई शहरों को टारगेट पर रखा है. हालांकि, एटीएस ने खुली अदालत में शहरों के नामों का उल्लेख नहीं किया.

एनआईए ने की कई गिरफ्तारियां
राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने इस मामले में कई गिरफ्तारियां की हैं. 3 जुलाई को एजेंसी ने चार लोगों को गिरफ्तार किया जिनमें मुंबई से ताबिश नासिर सिद्दीकी, पुणे से जुबैर नूर मोहम्मद शेख उर्फ अबू नुसाइबा और ठाणे से शरजील शेख और जुल्फिकार अली बड़ौदावाला शामिल हैं. कुछ दिनों बाद, 18 जुलाई को पुणे एटीएस ने मोहम्मद इमरान और मोहम्मद यूनुस को गिरफ्तार किया, जो इस्लामिक स्टेट खुरासान प्रोविंस (आईएसकेपी) की शाखा एसयूएफए के लिए काम करते थे और एनआईए के एक मामले में वांछित थे. उन्हें कोंढवा में गिरफ्तार किया गया. इसके बाद एटीएस ने खान और साकी की गिरफ्तारी के बाद शाहनवाज आलम की मदद करने के आरोप में सिमाब नसरुद्दीन काजी को गिरफ्तार कर लिया.

जुल्फिकार अली ठाणे से गिरफ्तार
जुल्फिकार अली को एनआईए ने जुलाई में ठाणे में गिरफ्तार किया था और बाद में पुणे एटीएस ने उसे मुंबई की आर्थर रोड जेल से हिरासत में ले लिया था. शनिवार के सबसे हालिया घटनाक्रम में एनआईए ने आकिफ अतीक नाचन को हिरासत में ले लिया. एक आधिकारिक बयान के अनुसार उस पर आतंकवादी कृत्यों को अंजाम देने के लिए इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस (आईईडी) के निर्माण और परीक्षण में शामिल होने और दो अन्य आतंकवादी गुर्गों के लिए ठिकाने की व्यवस्था करने का आरोप है.

जुल्फिकार और अन्य को सिखाया बम बनाना
ताजा जानकारी के मुताबिक, जुल्फिकार और अन्य आरोपी, जो फिलहाल एटीएस की हिरासत में हैं उसने कथित तौर पर मोहम्मद इमरान खान और मोहम्मद यूनुस साकी को बम बनाना सिखाया. उन्होंने प्रक्रिया के हिस्से के रूप में विस्फोटक पाउडर, एसिड और टाइमर तंत्र का उपयोग करके बम बनाने के बारे में जानकारी दी. खान और साकी 2022 में रमजान के दौरान महाराष्ट्र पहुंचे थे और तब से पुणे में किराए पर रह रहे हैं. उनके आवास की तलाशी के दौरान, एटीएस को इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स और एक सफेद पाउडर मिला, जिसके बाद आगे की जांच के लिए डॉग स्क्वायड की तैनाती की गई.
जब्त सामग्री में रासायनिक पाउडर
उनके आवास से जब्त किए गए सफेद पाउडर को विस्तृत विश्लेषण के लिए फोरेंसिक प्रयोगशाला में भेजा गया है. एक आधिकारिक बयान के अनुसार, जब्त सामग्री में रासायनिक पाउडर, चारकोल, एक थर्मामीटर, एक ड्रॉपर, एक सोल्डरिंग गन, एक मल्टीमीटर, छोटे बल्ब, बैटरी, एक अलार्म घड़ी और एक स्पैनर शामिल था, जिसका इस्तेमाल कथित तौर पर मोटरसाइकिल चोरी करने में किया गया था.

आधार कार्ड लिंक की होगी जांच
अदालत को बताया गया कि इन आरोपियों ने अपने आधार कार्ड दिखाकर विस्फोटक, ड्रोन और एसिड खरीदे थे. एटीएस अब उन लोगों से पूछताछ करेगी जिनसे ये उत्पाद खरीदे गए थे.

 

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