सुप्रीम कोर्ट (Maoist) ने गौतम नवलखा को नवी मुंबई की तलोजा जेल से रिहा करने की राह में आने वाली बाधा को दूर कर दिया है। कई शर्तों के तहत सुप्रीम कोर्ट ने जेल से बाहर घर में नजरबंद (Maoist) रखने के लिए आदेश दिया था। अब तक जेल में रखने के पीछे का कारण रिहाई की औपचारिकताओं का प्रक्रियाधीन होना है।
वकील ने जानकारी दी कि नवलखा की जेल से रिहाई की औपचारिकताएं सोमवार को मुंबई में एक विशेष एनआईए (राष्ट्रीय जांच एजेंसी) अदालत के समक्ष शुरू की गईं। नवलखा को अदालत ने अपनी पार्टनर सहबा हुसैन के साथ रहने की इजाजत दे दी है।
पुलिस अधिकारियों की ओर से नवलखा को मोबाइल फोन उपलब्ध कराया जाएगा, जिससे वह रोजाना पांच मिनट अपने परिवार से बात कर सकेंगे। हाउस अरेस्ट के लिए जमानत के संबंध में सॉल्वेंसी सर्टिफिकेट हासिल करने में कम से कम छह सप्ताह का समय लगेगा।