शुभेंदु अधिकारी की ओर से ममता बनर्जी (Mamta Banerjee )ने मांगी माफी

कोलकाता. पश्चिम बंगाल विधानसभा में सोमवार को विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने विधानसभा अध्यक्ष पर आक्षेप लगाने के बाद सदन से बहिर्गमन किया, हालांकि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता की ओर से मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Mamta Banerjee ) के विधानसभा अध्यक्ष से माफी मांगे जाने के बाद उन्हें निलंबित नहीं किया. सदन की कार्यवाही शुरू होने पर अधिकारी ने राज्यपाल के अभिभाषण की आलोचना करते हुए अपना संबोधन शुरू किया.
उन्होंने कहा कि राज्यपाल ने अपने अभिभाषण में कर्मचारी चयन आयोग (एसएससी) घोटाला, और तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के वरिष्ठ नेताओं एवं मंत्रियों की गिरफ्तारी सहित कई घोटालों का जिक्र नहीं किया. हालांकि, अध्यक्ष ने उनसे सदन के पटल पर इस तरह के आरोप नहीं लगाने को कहा. भाजपा विधायक दल ने इसके विरोध में अध्यक्ष के खिलाफ नारेबाजी की और सदन से बहिर्गमन किया.
सीएम ममता बनर्जी ने शुभेंदु अधिकारी की तरफ से मांगी माफी
विधानसभा अध्यक्ष बिमान बनर्जी ने तब सदन में कहा, ‘मैं शुभेंदु अधिकारी के खिलाफ विधानसभा अध्यक्ष पर आक्षेप लगाने के लिए विशेषाधिकार प्रस्ताव पेश करने का अपना अधिकार सुरक्षित रखता हूं. उन्होंने मेरे साथ दुर्व्यवहार किया है.’ बाद में राज्यपाल के अभिभाषण पर अपने संबोधन के दौरान मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने विधानसभा में अधिकारी के आचरण की निंदा की और 2021 के चुनावों में नंदीग्राम विधानसभा सीट पर उन्हें हराने वाले भाजपा नेता की ओर से अध्यक्ष से माफी मांगी.
शुभेंदु अधिकारी को सदन से निलंबित करने की मांग
उन्होंने कहा, ‘क्या विपक्ष के नेता सदन में इस तरह का व्यवहार करते हैं? हम सदन में इस तरह के आचरण की निंदा करते हैं. महोदय, मैं उनकी ओर से माफी मांगती हूं, क्योंकि वे नहीं जानते कि वे क्या कर रहे हैं.’ बनर्जी के भाषण के बाद तृणमूल कांग्रेस के विधायक तपस रॉय ने अधिकारी को 20 फरवरी तक सदन से निलंबित करने की मांग करते हुए विशेषाधिकार हनन का प्रस्ताव पेश किया.
विधानसभा अध्यक्ष ने तब कहा, ‘मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पहले ही उनकी (अधिकारी की) ओर से माफी मांग चुकी हैं, ऐसे में मेरा मानना है कि प्रस्ताव वापस ले लिया जाना चाहिए.’ विधानसभा अध्यक्ष के कहने पर रॉय प्रस्ताव वापस लेने पर सहमत हो गए.