अंतराष्ट्रीय

महिला कांग्रेस सांसद ( MP ) ने उगला जहर

नई दिल्ली. अमेरिकी कांग्रेस के संयुक्त सत्र में पीएम मोदी के संबोधन को लेकर अमेरिकी डेमोक्रेटिक पार्टी की दो मुस्लिम महिला( MP )  कांग्रेसियों ने विरोध जताया है, उन्होंने ऐलान किया कि वे पीएम मोदी के भाषण में शामिल नहीं होंगी. क्योंकि ‘मोदी सरकार ने धार्मिक अल्पसंख्यकों का दमन किया है.’ वहीं भारत के राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग के पूर्व उपाध्यक्ष आतिफ रशीद ने इल्हान उमर के ट्वीट का कड़ा जवाब देते हुए कहा, आप अपने नफरती एजेंडे के तहत भारत की गलत तस्वीर दिखा रही हैं.
रशीद ने लिखा, “मैं भारत के धार्मिक अल्पसंख्यक समुदाय से हूं. लेकिन मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भारत में अपनी धार्मिक स्वतंत्रता और धार्मिक पहचान के साथ स्वतंत्र रूप से रहता हूं, यहां के हर संसाधन में मेरी बराबर की हिस्सेदारी है, मुझे भारत में जो भी बोलना है बोलने की आजादी है.” आतिफ रशीद ने कहा, “भारत में मुझे जो चाहिए वो लिखने की भी आजादी है. मुझे ये कहते हुए दुख हो रहा है कि आप अपने नफरत के एजेंडे के तहत मेरे भारत की गलत तस्वीर दिखा रही हैं. अपने मुंह से जहर उगलना बंद करें.”
बता दें कि इल्हान उमर और रशीदा तलीब ने अमेरिकी कांग्रेस के संयुक्त सत्र में पीएम मोदी के संबोधन के बहिष्कार की घोषणा की. क्योंकि पीएम मोदी अमेरिका की तीन दिवसीय ऐतिहासिक राजकीय यात्रा पर हैं. इल्हान उमर ने ट्वीट कर लिखा, “प्रधानमंत्री मोदी की सरकार ने धार्मिक अल्पसंख्यकों का दमन किया है, हिंसक हिंदू राष्ट्रवादी समूहों को प्रोत्साहित किया है और पत्रकारों/मानवाधिकार अधिवक्ताओं को बेखौफ निशाना बनाया है. मैं मोदी के भाषण में शामिल नहीं होऊंगी. मैं मोदी के दमन के रिकॉर्ड पर चर्चा करने के लिए मानवाधिकार समूहों के साथ एक ब्रीफिंग करूंगी.”
वहीं दूसरी कांग्रेस महिला नेता रशीदा तलीब ने ट्वीट कर लिखा, “यह शर्मनाक है कि पीए मोदी को हमारे देश की राजधानी में एक मंच दिया गया है. मानवाधिकारों के हनन, अलोकतांत्रिक कार्यों, मुसलमानों और धार्मिक अल्पसंख्यकों को निशाना बनाने और पत्रकारों को सेंसर करने का उनका लंबा इतिहास अस्वीकार्य है. मैं कांग्रेस में मोदी के संयुक्त संबोधन का बहिष्कार करूंगी.”

बता दें कि कुल 75 डेमोक्रेटिक सीनेटरों और प्रतिनिधि सभा के सदस्यों ने अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन को भेजे गए एक पत्र पर हस्ताक्षर किए, जिसमें बाइडन से पीएम मोदी के साथ मानवाधिकार के मुद्दों को उठाने के लिए कहा गया.

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