मध्य प्रदेश ने रचा इतिहास, 41 बार के विजेता मुंबई को हराकर पहली बार जीती ट्रॉफी
बेंगलुरू। एम. चिन्ना स्वामी स्टेडियम में यहां रणजी ट्रॉफी के फाइनल मैच में मध्य प्रदेश (एमपी) ने 41 बार की चैंपियन टीम मुंबई को 6 विकेट से करारी शिकस्त देते हुए पहली बार ट्रॉफी अपने नाम कर ली। टेस्ट की दूसरी पारी में मुंबई ने 57.3 ओवर में 10 विकेट खोकर 269 रन बनाए थे, जहां उन्होंने एमपी को जीत के लिए 108 रन का लक्ष्य दिया था।
लक्ष्य का पीछा करने उतरी मध्य प्रदेश की शुरुआत सलामी जोड़ी हिमांशु मंत्री और यश दुबे ने की। हालांकि, एक रन बनाकर दुबे दूसरे ओवर में ही गेंदबाज डी. कुलकर्णी की गेंद पर क्लीन बोल्ड होकर वापस पवेलियन लौट गए। उनके बाद शुभम एस शर्मा बल्लेबाजी के लिए क्रीज पर आए और मंत्री के साथ पारी को आगे बढ़ाया।
एमपी के लिए लक्ष्य इतना कठिन नहीं था कि बल्लेबाजों को जीत के लिए कड़ी मशक्कत करनी पड़ती। दूसरे विकेट के लिए दोनों बल्लेबाजों के बीच 52 रन की साझेदारी हुई और हिमांशु मंत्री गेंदबाज शैम्स मुलानी के ओवर में क्लीन बोल्ड हो गए। उन्होंने 55 गेंदों पर तीन चौके की मदद से 37 रन बनाए। उनके बाद पार्थ सहानी क्रीज पर आए।
अय्यर, जडेजा और विराट के अर्धशतकों से भारत मजबूत
हालांकि, सहानी भी गेंदबाज सैम्स मुलानी की गेंद पर कोतियान को कैच थमा बैठे और 5 रन बनाकर वापस पवेलियन लौट गए। उसके बाद रजत पाटीदार क्रीज पर आए और शुभम शर्मा के साथ पारी को आगे बढ़ाया। इस बीच शर्मा गेंदबाज मुलानी के ओवर में अरमान जाफर को कैच थमा बैठे। शर्मा ने इस दौरान 75 गेदों पर एक चौका और एक छक्के की मदद से 30 रन बनाए।
एमपी ने यहां तक चार विकेट के नुकसान पर 101 रन बना लिए थे। उनके बाद आदित्य श्रीवास्तव क्रीज पर आए, जिन्होंने पाटीदार के साथ नाबाद पारी खेली और एमपी को जीत की कगार पर पहुंचा दिया। एमपी ने 29.5 ओवर में मैच को अपने नाम कर लिया। टीम ने 4 विकेट के नुकसान पर 108 रन बनाए।
इससे पहले एमपी की पहली पारी में यश दुबे (133), शुभम शर्मा (116) और पाटीदार (122) ने शतक जड़े थे, जिस कारण टीम ने 536 रन का विशाल स्कोर खड़ा किया था। वहीं, सारंश जैन ने भी अर्धशतक लगाकर 57 रन का योगदान दिया था। वहीं, मुंबई ने पहली पारी में 10 विकेट के नुकसान पर 374 रन बनाए थे, जहां सरफराज खान (134) ने शतक जड़ा था, साथ ही जायसवाल ने 78 रन की पारी खेली थी।