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नशे से निकाल बनाया स्वावलंबी और मिटा दिया गांव के माथे पर लगा कलंक, सरपंच गुरप्रीत ने पेश की मिशाल
पटियाला -: गांव के माथे पर लगे नशीले पदार्थों के सेवन व बिक्री के कलंक को गुरप्रीत कौर ने अपने संकल्प से मिटा दिया। इसमें उन्हें राज्य या केंद्र सरकार का तो नहीं, लेकिन गांव के लोगों का भरपूर साथ मिला। इसी मुद्दे पर उन्होंने वर्ष 2018 में सरपंच का चुनाव लड़ा तो पटियाला के गांव रोहटी छन्ना के मतदाताओं ने उन्हें जीत के साथ ही गांव को पूरी तरह नशामुक्त करने की जिम्मेदारी सौंप दी |
उनकी लगन, समर्पण और जुनून को देखकर गांव वालों ने पांच वर्ष बाद एक बार फिर से उनको सरपंच की कमान सौंपने का निर्णय लिया। गुरप्रीत कौर ने भी नशीले पदार्थों की तस्करी करने वालों की ओर से दी जाने वाली धमकियों के बाद भी 92 लोगों को जहां नशे की लत से मुक्त करा लिया, वहीं 37 लोगों को इससे जुड़े कारोबार से बाहर निकाल लिया।
पंजाब के पटियाला जिले के रोहटी छन्ना गांव की सरपंच गुरप्रीत कौर ने अपने दृढ़ संकल्प और ग्रामीणों के सहयोग से गांव को नशामुक्त बनाने में सफलता हासिल की है। 92 लोगों को नशे की लत से मुक्त कराने और 37 लोगों को नशा तस्करी से बाहर निकालने वाली गुरप्रीत कौर ने युवाओं को रोजगार के अवसर प्रदान कर उन्हें नशे से दूर रखने का काम किया है।
- गुरप्रीत कौर ने 92 लोगों को नशे की लत से बचाया।
- 37 लोगों को नशे से जुड़े कारोबार से निकाला।
दूसरे गांवों को भी नशामुक्त करने के अभियान में जुटे युवा
850 लोगों की आबादी वाले गांव में लोग फिर से नशे की गिरफ्त में न आ जाएं, इसके लिए उन्होंने उनको रोजगार उपलब्ध कराया। उनके मन व स्वास्थ्य को ध्यान में रखकर खेल प्रतियोगिताएं कराईं। ऐसे में नशे के धुएं में ओझल युवाओं का भविष्य फिर संवरने लगा है। उनके प्रयास से प्रभावित हो युवा दूसरे गांवों को भी नशामुक्त करने के अभियान में जुटे हैं।