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लखनऊ नगर निगम का वार्षिक बजट प्रस्तुत, विकास कार्यों में वृद्धि की उम्मीद !

लखनऊ -: लखनऊ नगर निगम की सदन की बैठक में मंगलवार को वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए नगर निगम का वार्षिक बजट प्रस्तुत किया गया, जिसे सर्वसम्मति से पारित कर दिया गया। यह बजट नगर निगम की कार्यकारिणी समिति द्वारा पूर्व में अनुमोदित किया गया था और सदन में गहन चर्चा के बाद इसे पारित किया गया। इस बजट में शहर के समग्र विकास को ध्यान में रखते हुए कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए हैं, जिससे लखनऊ की तस्वीर और तकदीर दोनों बदलने की उम्मीद है।

 इस वर्ष के बजट में सबसे उल्लेखनीय बात यह रही कि माननीय महापौर श्रीमती सुषमा खर्कवाल और नगर आयुक्त श्री इंद्रजीत सिंह ने अपनी निधियों में कटौती कर दी है। वहीं, पार्षदों की निधि को 150 लाख रुपये से बढ़ाकर 210 लाख रुपये प्रति वार्ड कर दिया गया है।

इस निर्णय से प्रत्येक वार्ड में सड़कों, नालियों, स्कूलों और अन्य बुनियादी सुविधाओं के कार्यों को गति मिलेगी।नगर निगम ने पार्षदों के विकास कार्यों के लिए निधि को विभिन्न मदों में बांटा है। इस बजट में प्रत्येक वार्ड के लिए मार्ग मरम्मत और नवीनीकरण हेतु ₹150 लाख, पैच कार्य हेतु ₹10 लाख, क्रॉसिंग और पुलिया मरम्मत हेतु ₹10 लाख, चूना, फॉगिंग, कीटनाशक दवाओं हेतु ₹5 लाख, हत्थू ठेला क्रय/मरम्मत हेतु ₹5 लाख, इलेक्ट्रॉनिक रेफ्रिजरेटर (कॉफिन) ई-रिक्शा हेतु ₹10 लाख, मार्ग प्रकाश व्यवस्था हेतु ₹10 लाख और पार्कों के रख-रखाव/मरम्मत हेतु ₹10 लाख का प्रावधान किया गया है। इसके अलावा, यह प्रस्ताव भी पारित किया गया कि पार्षदगण अपनी निधि को किसी भी विकास कार्य में खर्च कर सकेंगे।

बजट में शहरी सुविधाओं को बेहतर बनाने के लिए सफाई व्यवस्था, जल निकासी, स्कूलों के जीर्णोद्धार, पार्कों की देखरेख और डिजिटलीकरण पर विशेष ध्यान दिया गया है। यूजर चार्ज में बदलाव करते हुए इसे गृहकर से लिंक किया गया है, जिससे वसूली पारदर्शी और आसान होगी। इससे नगर निगम की आय में भी वृद्धि होगी और नागरिकों को बेहतर सेवाएं मिलेंगी।नगर निगम का कुल बजट ₹4,30,453.60 लाख रुपये रखा गया है, जिसमें ₹3,30,786.05 लाख रुपये का कुल व्यय प्रस्तावित किया गया है।

इस बजट से नगर निगम के पास विभिन्न परियोजनाओं के लिए पर्याप्त वित्तीय संसाधन उपलब्ध होंगे।नगर निगम ने इस बजट में गरीबों के लिए निःशुल्क अंतिम संस्कार योजना, शमशान घाटों के जीर्णोद्धार, पार्कों का सौंदर्यीकरण और सरकारी स्कूलों के सुधार पर विशेष ध्यान दिया है। शमशान घाटों के लिए बजट को ₹10 लाख से बढ़ाकर ₹100 लाख रुपये और पार्कों के लिए ₹200 लाख से बढ़ाकर ₹600 लाख रुपये किया गया है। स्कूलों के लिए भी पांच गुना अधिक राशि (₹500 लाख रुपये) का प्रावधान किया गया है।ई-गवर्नेंस को बढ़ावा देने के लिए नगर निगम ने ई-ऑफिस और कंप्यूटरीकरण के मद में ₹400 लाख रुपये का प्रावधान किया है। इससे नागरिक सेवाओं में पारदर्शिता और गति दोनों आएंगी।

सदन की बैठक में महापौर श्रीमती सुषमा खर्कवाल, नगर आयुक्त  इंद्रजीत सिंह, कार्यकारिणी उपाध्यक्ष श्री गिरीश गुप्ता, माननीय पार्षदगण, अपर नगर आयुक्त, मुख्य वित्त अधिकारी, सीटीएओ, जोनल अधिकारी, जीएम जलकल, मुख्य अभियंता सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

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