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शिव धनुष टूटते ही क्रोध से आगबबूला हुए परशुराम

किशनी:नगर के रामलीला प्रांगण में चल रही रामलीला के चौथे दिन जनक विलाप,धनुष भंग,परशुराम लक्ष्मण संवाद का भावपूर्ण मंचन हुआ।धनुष भंग की रामलीला का शुभारंभ महोबा के भूमि सरंक्षण अधिकारी दिनेश यादव ने फीता काटकर व भगवान राम की आरती कर किया।

शनिवार को हिमालयन संस्कृति केन्द्र, निम्बूवाला, गढ़ी कैंट में ‘मेरी माटी मेरा देश’ कार्यक्रम के अन्तर्गत राज्य स्तरीय ‘अमृत कलश यात्रा’ में प्रतिभाग किया !

रविवार रात्रि को किशनी में रामलीला के मंच पर जनकपुर में राजा जनक के दरबार सीता विवाह के स्वंययर मंचन से शुरू हुई।शिवजी के धनुष को किसी राजा के न तोड़ पाने पर राजा जनक अपनी ही घोषणा पर पछताने लगे।राजा जनक कहते हैं कि अगर में जानता पृथ्वी वीरों से ख़ाली है तो ऐसी घोषणा कभी नहीं करता।इसे सुनते ही लक्ष्मण गुस्से में आग बबूला हो गये।राम और महर्षि विश्वामित्र ने लक्ष्मण को गुस्से से शांत कराया और राम को इशारे से महर्षि ने धनुष को उठाने की आज्ञा दी।गुरु की आज्ञा पाकर श्रीराम ने धनुष को उठा उसका प्रत्यंचा चढ़ानी चाही तो धनुष तेज आवाज के साथ कई खंड में टूट गया लोगों ने श्रीराम की जय जयकार की।शिव धनुष के टूटने की आवाज सुन परशुराम जनकपुर पहुँचते है और लक्ष्मण से संवाद शुरू होता है।देर रात तक दर्शक परशुराम लक्ष्मण संवाद का आनंद लेते रहे।इससे पूर्व मुख्य अतिथि दिनेश यादव का रामलीला के अध्यक्ष दिनेश शर्मा ने कमेटी के सदस्यों के साथ माल्यार्पण कर व राम दरबार भेंटकर सम्मानित किया।ढाई फुट के हास्य कलाकार पंचम अलबेला ने अपनी अदाओं से लोगों का खूब मनोरंजन किया।इस मौके पर राष्ट्रीय गीतकार बलराम श्रीवास्तव,अमित तिवारी,राहुल गुप्ता,रमाकान्त मिश्रा,धर्मेंद्र चौहान,राहुल चौहान,आदेश गुप्ता,पंकज चौहान,उमंग गुप्ता,भरत गुप्ता,गौरव यादव,रमाकांत गुप्ता,राघव चौहान,हरीराम शाक्य,शिवा राठौर,आयुष गुप्ता सहित कई लोग मौजूद रहे।

 

 

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