सिडकुल हरिद्वार में ठेकेदारों की लूट , वर्करों के पसीने रहे छूट

गुलफाम अली
रोशनाबाद सिडकुल हरिद्वार
ऐक और कारोना काल के चलते लोगों की आर्थिक तंगी है तो दूसरी ओर वर्करों को सेलरी के चक्कर कटवाना ठेकेदारों का बना वसूल वाह गजब की रीत हैं ठेकेदार साहब
ऐसा ही मामला फ्रेश पैड कम्पनी का है जहां तुलाराम ठेकेदार के द्वारा ऐक पीड़ित वर्कर अनश की सिकायत कोन करेगा समाधान में अाई उसके बाद ठेकेदार को फोन कर पूछा गया तो 2 दिन का समय मांगा लेकिन उसके बाद 15दिन हो गए अभी तक उस पीड़ित वर्कर को सेलरी नहीं दी गई वहीं जब हमने इसकी तहकीकात की तो मामला हिला देने वाला सामने आया तुलाराम ठेकेदार ना जाने कितने लोगो की सैलरी हर महीने गुल कर देता है
ये मामला पहला मामला नहीं है ऐसे ही मामला कंपनियों के साथ साथ मेट्रो हॉस्पिटल में भी ऐक महिला वर्कर को सैलरी नहीं दी गई एडवांस कम्पनी के ठेकेदार मुकर्रम का नाम भी सामने आया
इनका मामला तो चोका देने वाला है गरीब वर्कर पर 15 दिन काम करवाया गया और उसके बाद ठेकेदार साहब गुम हो गए फोन ऑफ कर लिया और उस वर्कर को उसकी मजदूरी नहीं दी गई गजब। है साहब
साहब मै उन गरीब वर्करों की बात कर रहा हूं जिन्होंने भूके प्यासे रह कर आपके अंडर में काम किया है
आप क्या जाने इन गरीब वर्करों का हाल, आप आए रोब दिखाया और चल दिए नवाबों की चाल। वाह साहब गजब हैं
आपकी गाली सुनी आपकी नीली पीली आंखे देखी और लग गए आपके बताए काम पर चलो कोई नहीं मानते हैं ठेकेदार साहब आपको आप नवाब हैं
लेकिन अब इनकी सैलरी तो दे देनी चाहिए थी इनके बड़े बुरे हाल है
कुछ लाइन
गरीबी की दास्तां सुनाता हूँ
गरीबी इंसान को लाचार बना देती है
जो दिन ना देखे वो सब दिखाती है
हालात के हालात बदल देती है
उसको एक मजबूर बना देती है
लेकिन आपको क्या लेना ठेकेदार साहब
सिडकुल में आए दिन वर्करों का शोषण जोरों पर है कहीं किसी की सैलरी काट लेना कहीं किसी को आज कल कह कर भगा देना ठेकेदारों के लिए आम बात हो गई है गरीब वर्कर को ना जाने कितने महीने लग जाते हैं अपनी मेहनत की कमाई को लेने के चक्कर में हालाकि ठेकेदारों के द्वारा 2/3/दिन के पैसे भी वर्करों को नहीं दिए जाते क्यू की ठेकेदारों को पता है कोई विरोध तो करने से रहा है और करेगा तो क्या कर लगा हमारा।।