लिज ट्रस (“Liz Truss )पहले दिमाग को गियर में डालें लर्निंग ड्राइवर “चीन

बीजिंग/लंदन: लिज ट्रस को ब्रिटेन का प्रधानमंत्री चुने जाने पर जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन, फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों समेत कई वैश्विक नेताओं ने लिज ट्रस को शुभकामनाएं दी हैं वहीं चीन जमकर मजाक उड़ाया रहा है। चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के मुखपत्र ग्लोबल टाइम्स ने लिज ट्रस को बधाई देने की जगह नसीहत दे डाली है। ब्रिटिश नागरिक के नाम से लेख लिखवाकर ग्लोबल टाइम्स ने लिज ट्रस को ब्रिटिश प्रधानमंत्री पद का लर्निंग ड्राइवर करार दिया है।
इतना ही नहीं शी जिनपिंग की इस पिट्ठू मीडिया ने यह भी कहा है कि उन्हें अपना मुंह खोलने से पहले दिमाग को गियर में डालना चाहिए। असल बात यह है कि ग्लोबल टाइम्स ब्रिटिश प्रधानमंत्री लिज ट्रस (“Liz Truss ) के चीन विरोधी रुख को लेकर भड़का हुआ है। उन्होंने चुनाव प्रचार के दौरान भी चीन के खिलाफ जमकर बयानबाजी की थी।ग्लोबल टाइम्स ने लिखा कि लगभग नौ सप्ताह के इंतजार के बाद आखिरकार ब्रिटेन को अपने नए प्रधानमंत्री का नाम पता चल गया। दुर्भाग्य से ब्रिटेन के लिए वह नाम लिज ट्रस है। उन्होंने एक चुनावी प्रक्रिया के बाद बाकी बचे हुए फाइनलिस्ट ऋषि सुनक सहित सभी दावेदारों को हरा दिया।
चुनाव प्रक्रिया के दौरान उन्होंने उन नीतियों को लागू करने के इरादे व्यक्त किए जो व्यवहारिक रूप से संभव नहीं हो सकते हैं। लिज ट्रस प्रधानमंत्री रूपी गाड़ी की एक लर्निंग ड्राइवर हैं। उन्हें बहुत जल्दी ही सीखने की जरूरत है अगर वह ब्रिटेन को आगे लेकर जाना चाहती हैं तो। उन्हें अपना मुंह खोलने से पहले अपने दिमाग को गियर में डालना होगा। चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के मुखपत्र ने लिखा कि चीन को लेकर उनका लहजा जहरीला रहा है। द टाइम्स अखबार के अनुसार, वह चीन को ब्रिटेन की राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए “खतरा” घोषित करना चाहती है। यह विदेश नीति को नया रूप देगा और चीन को दुश्मन के तौर पर प्रस्तुत करेगा, जहां वर्तमान में रूस काबिज है। रूस के साथ ब्रिटेन स्पष्ट रूप से यूक्रेन में छद्म युद्ध कर रहा है। क्या वह वाकई ऐसा चाहती हैं? इस विचार ने उनके समर्थकों को प्रसन्न किया होगा ।
विदेश मंत्री पद पर रहने के बावजूद, ऐसा लगता है कि उन्हें अंतरराष्ट्रीय संबंधों की खराब समझ है। वह ऐसी महिला हैं जिनकी कमोबेश स्थिति यह है कि वह अपनी महत्वकांक्षाओं को पूरा करने के लिए कुछ भी कर सकती हैं। उन्हें खुद प्रधानमंत्री चुने जाने के बाद अपने अतिशयोक्ति वाले बयानों के समर्थन से दूरी बनानी चाहिए, या अपने शब्दों को अमल में लाना चाहिए।
चीन उनके लिए एक बुरा सपना हो सकता है। हालांकि इससे ब्रिटेन को कोई फायदा नहीं होने वाला इतना ही नहीं, उन्हें खुद भी नहीं पता है कि इसे कैसे करना है। अगर वह सलाह लेने वाली महिला होतीं तो खुद को लोगों को लुभाने वाली व्यर्थ की बयानबाजियों से बच सकती थीं। चीन विरोधी भावना को दूर कर सकती थीं। टकराव की भाषा केवल सरकारों के बीच तनाव को बढ़ाती है, हालांकि जरूरत राष्ट्रों के बीच संबंधों की जटिलताओं की गहरी, अधिक सूक्ष्म समझ की है।