अंतराष्ट्रीय

मंगल ग्रह का खुलेंगा जीवन( life) के राज

वॉशिंगटन. अमेरिका की स्पेस एजेंसी का परसेवेरेंस रोवर मंगल पर जिस मकसद से गया था, उसका पहला लक्ष्य पूरा होने जा रहा है. नासा के इस रोवर ने मंगल की सतह से चट्टानों के विभिन्न सैंपल जमा किए हैं जिसे अगले मिशन में धरती पर लेकर जाया जाएगा. 17 महीने पहले ये रोवर जेजेरो क्रेटर नाम के इलाके में उतारा गया था. ’पर्सी’ ने अब तक जो देखा है उससे वैज्ञानिकों को यह पुष्टि हुई है कि रोवर जीवन          ( life)  की तलाश के लिए एकदम मुनासिब जगह पर है.

ये रोवर उन किसी भी जीव की तलाश नहीं कर रहा है जो आज जीवित हैं, क्योंकि मंगल ग्रह का जो कठोर वातावरण है उनकी उपस्थिति को अत्यधिक असंभव बना देता है. बल्कि रोवर एक जीवविज्ञान के निशान की खोज कर रहा है जो अरबों साल पहले अस्तित्व में हो सकते थे जब जेजेरो एक झील से भरा हुआ करता था. वैज्ञानिकों को उम्मीद है कि यह प्राचीन इतिहास अब अद्भुत चट्टान के नमूनों में दर्ज है, जिन्हें अगले कुछ सालों में लाया जाएगा. कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय, बर्कले के एक वैज्ञानिक डेविड शस्टर ने कहा, “अगर जेजेरो जैसे हालात पिछले 3.5 अरब सालों में धरती पर कहीं भी मिलते हैं तो इन चट्टानों में जीवविज्ञान ने अपनी छाप छोड़ी होगी, जिसे हम देख सकते हैं.”

इन सैंपल्स को नासा और यूरोपियन स्पेस एजेंसी धरती पर लाने के लिए बड़ी योजना बना रही हैं. इस काम में एक अंतरग्रहीय मालवाहक, कुछ हेलीकॉप्टर और एक रॉकेट शामिल होगा जो सैंपल्स को 2033 तक धरती पर ले आएंगे. इनमें आग्नेय और ज्वालामुखी वाली चट्टानें भी होंगी. जिसको पर्सी ने क्रेटर से ड्रिल करके निकाला है. ये ज्यादातर जेजेरो के झील के पानी से भरे जाने से पहले की कहानी बताएंगे. नमूनों में वाइल्टकैट रिजभी है. यह चट्टान उस समय बनी थी जब जेजेरो झील की मिट्टी वाष्पित हो रही थी. ये नमक से भरी होती थी.

नासा की वैज्ञानिक सुनंदा शर्मा कहती हैं, “सारा जीवन जैसा कि हम जानते हैं कि यह आर्गेनिक्स से बना है, लेकिन अहम बात यह है कि कार्बनिक पदार्थ उन प्रक्रियाओं द्वारा भी बनाए जा सकते हैं जो रासायनिक हैं और जीवन से संबंधित नही हैं.”

ये रोबोट जल्द ही इस ढलान से निकलकर समतल इलाके में पहुंचेगा जहां टाइटेनियम ट्यूब्स में सुरक्षित नमूने जमीन पर जमा किये जा सकते हैं. इसके बाद उन्हें ठीक से संरक्षित किया जाएगा ताकि भविष्य के मिशन उसे ढूंढ पाएं. हालांकि वैज्ञानिक अभी और नमूने एकत्र चाहते हैं.

नासा की डायरेक्टर लोरी ग्लेज कहती हैं कि हम ना सिर्फ सही जगह पर गए बल्कि हमने मंगल ग्रह पर इस अदभुत प्राचीन वातावरण का पता लगाने के लिए सही विज्ञान उपकरणों के साथ सही अंतरिक्ष यान भेजा.

 

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