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ब्रिटेन से वापस भारत आ सकता है कोहिनूर हीरा! विदेश मंत्रालय के बयान के बाद बढ़ी संभावनाएं

ब्रिटेन. महारानी एलिजाबेथ के निधन के बाद कोहिनूर हीरे पर बहस छिड़ी थी। इस पर अलग-अलग दावे भी किए जा रहे थे, जो अब भी किए जा रहे है। इसको लेकर भारत ने साफ संकेत दिए कि दुनिया के सबसे बड़े हीरों में शुमार कोहिनूर को ब्रिटेन से वापस लाने के रास्ते तलाशता रहेगा। विदेश मंत्रालय (एमईए) के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि ब्रिटेन के सामने भारत समय-समय पर इसकी मांग उठाता रहा है और आगे भी जारी रखेगा।

कोहिनूर की मांग को लेकर विदेश मंत्रालय (एमईए) के प्रवक्ता अरिंदम बागची कहा कि कुछ साल पहले संसद में इस मुद्दे पर सरकार की प्रतिक्रिया को बताया गया था। उन्होंने कहा कि मैं समझता हूं कि भारत सरकार ने कुछ साल पहले संसद में इसका जवाब दिया था। हमने कहा है कि हम समय-समय पर ब्रिटेन सरकार से बात करते रहे हैं और हम मामले का संतोषजनक समाधान निकालने के तरीकों और साधनों का पता लगाना जारी रखेंगे।

कोहिनूर को लेकर अलग-अलग दावे
कोहिनूर को लेकर अलग-अलग दावे किए जाते हैं। कुछ लोगों का कहना है कि कोहिनूर 12वीं शताब्दी के जगन्नाथ मंदिर का है तो कोई कहता है कि महाराजा दलीप सिंह ने 1849 में 108 कैरेट का कोहिनूर हीरा महारानी विक्टोरिया को दे दिया था। इसके अलावा ये भी दावे किए जा रहे हैं कि ये मुगल काल का है। 1937 में इसे महारानी के ताज में लगा दिया गया था। ब्रिटिश मीडिया में ऐसी अटकले हैं कि अगले साल छह मई को होने वाले कार्यक्रम में जब कैमिला को महारानी का खिताब दिया जाएगा, तब वह ताज पहन सकती हैं। महारानी एलिजाबेथ द्वितीय के निधन के बाद भारत में अनेक ट्विटर यूजर ने कोहिनूर को भारत वापस लाने की मांग की है।

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कोहिनूर को लेकर एक और दावा
माना जाता है कि साल 1310 में कोहिनूर आंध्र प्रदेश के गुंटूर जिले में खातिया वंश के राज के दौरान खुदाई में मिला था। वारंगल में इसे एक मंदिर में मां भद्रकाली की एक आंख के रूप में लगाया गया था। बाद में अलाउद्दीन खिलजी ने दक्षिण में लूटपाट मचाई और मां भद्रकाली की आंख से हीरे को नोच लिया। वह इस हीरे को अपने साथ ले गया। साल 1526 में यह कोहिनूर खिलजी वंश के पास चला गया। मुगल शासक बाबर ने इब्राहिम लोधी को पानीपत के प्रथम युद्ध में हराया। कोहिनूर इस ढंग से बाबर के पास आ गया। इसका जिक्र उन्होंने बाबरनामा में भी किया है। बाद में बाबर ने यह हीरा अपने बेटे हुमायूं को दे दिया।

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