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जानें थाईलैंड ( Thailand)की कोर्ट ने क्यों लिया ये फैसला

बैंकॉक. थाईलैंड ( Thailand) की संवैधानिक अदालत ने बुधवार को प्रधानमंत्री प्रयुथ चान-ओचाको सस्पेंड कर दिया. शीर्ष अदालत ने पीएम के आठ साल के कार्यकाल की अवधि की समीक्षा का फैसला किया है. समाचार एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक, अदालत ने मीडिया को भेजे एक बयान में यह ऐलान किया. अभी ये साफ नहीं है कि कोर्ट मुख्य विपक्षी दल की ओर से दायर याचिका पर अंतिम फैसला कब सुनाएगी.

विपक्ष ने अपनी याचिका में कहा है कि सैन्य जुंटा के प्रमुख के रूप में उनके कार्यकाल को संवैधानिक रूप से निर्धारित पीएम के आठ साल के कार्यकाल के रूप में गिना जाना चाहिए. प्रयुथ के स्थान पर डिप्टी पीएम प्रवित वोंगसुवानअंतरिम पीएम के रूप में पदभार संभाल सकते हैं.

पूर्व सेना प्रमुख प्रयुथ ने निर्वाचित सरकार के खिलाफ बगावत करते हुए 2014 में सत्ता संभाली थी. इसके बाद 2019 में हुए चुनाव में प्रधानमंत्री चुने गए थे. ये चुनाव तत्कालीन सैन्य सरकार द्वारा तैयार किए गए संविधान के प्रारूप के अनुसार हुए थे.

थाईलैंड में दो दशकों में रुक-रुक राजनीतिक उथल-पुथल सामने आ रही है. यह नवीनतम घटनाक्रम है. इन दो दशकों में दो तख्तापलट और हिंसक विरोध हो चुका है. देश में अगले साल मई तक आम चुनाव होने हैं.

इससे पहले प्रयुत चान-ओचा को मई में अविश्वास मत का सामना करना पड़ा था. हालांकि उन्होंने अविश्वास मत जीत लिया था. 10 कैबिनेट सदस्यों को लेकर चार दिन तक हुई बहस के बाद मतदान हुआ. प्रयुत को 256 वोट मिले, जबकि उनके विरोध में 206 वोट पड़े. वहीं, नौ सांसद मतदान में गैरहाजिर रहे.

विपक्ष ने बढ़ते सरकारी ऋण और भ्रष्टाचार को रोकने में नाकाम रहने के लिए प्रयुत सरकार के आर्थिक कुप्रबंधन को जिम्मेदार ठहराया था. संसद में मौजूदा गठबंधन सरकार के बहुमत की बदौलत सभी 10 कैबिनेट मंत्री भी बच गए. मुख्य विपक्षी दल फेउ थाई पार्टी के प्रमुख चोलनन श्रीकाव ने कहा कि परिणाम निराशाजनक थे, क्योंकि ये जनता की भावना को नहीं दर्शाते हैं.

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