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सफर में उल्टी होने पर कौन सी दवा है कारगर, किससे रुकते हैं चक्कर, जानिए|

16 दिसंबर का इतिहास: पाकिस्तान पर भारत की जीत के रूप में मनाया जाता है ‘विजय दिवस’|जब भी किसी को बस या कार में उल्टी होती है तो बस में बैठे अन्य व्यक्ति को खीझ आने लगती है. जो व्यक्ति उल्टी करता है, उसे बेहद शर्मिंदगी झेलनी पड़ती है. यह स्थिति बेहद खराब होती है. लेकिन जिन लोगों को सफर में उल्टी या चक्कर का सामना करना पड़ता है, उनके लिए यह बेहद कष्टदायक होता है क्योंकि उस समय वह कुछ भी करने की स्थिति में नहीं होता, न ही उसे कोई सुध-बुध रहता है. मेडिकल भाषा में इस स्थिति को मोशन सिकनेस के नाम से जाना जाता है. मोशन सिकनेस कहीं भी किसी को भी हो सकता है. यह कार, बस, जहाज, हवाई जहाज, ट्रक, यहां तक कि बैलगाड़ी में भी हो सकता है. इस दौरान शरीर से पूरी एनर्जी गायब होने लगती है. अंततः उल्टी या जी मिचलाने लगता है.

  • सफर में उल्टी के कारण
    मायो क्लिनिक के मुताबिक मोशन सिकनेस तब होता है जब मस्तिष्क आंतरिक कान, आंख, जोड़ों और मांसपेशियों की नसों से परस्पर विरोधी जानकारी प्राप्त करता है. दरअसल, आंतरिक कान में सेंस मोशन होता है लेकिन आंखें और शरीर के पास ऐसा नहीं होता है. इसलिए ये सब विरोधाभासी जानकारी दिमाग में इकट्ठी करते हैं. इसका परिणाम यह होता है कि पेट में हलचल मचने लगती है और ठंडा पसीना निकलने लगता है. इसके बाद हद से ज्यादा थकान और अरुचि होने लगती है. सबसे अंत में उल्टी होती है. हालांकि अभी तक यह स्पष्ट नहीं है कि क्यों कुछ बच्चों में कार में सफर के दौरान उल्टी होती है जबकि कुछ में नहीं होती.
  • सफर में उल्टी के लक्षण
    हालांकि मोशन सिकनेस या सफर के दौरान उल्टी कोई बड़ी बीमारी नहीं है. आमतौर पर उम्र बढ़ने के साथ यह ठीक भी हो जाता है लेकिन कुछ लोगों में यह समस्या बरकरार रहती है. हालांकि ट्रेवलिंग के दौरान इससे बहुत ही असहज स्थिति पैदा हो जाती है. मोशन सिकनेस के दौरान उल्टी होना ही प्रमुख लक्षण है. कुछ मामलों में स्किन का रंग उतर जाता है. मोशन सिकनेस में सिर में तेजी से चक्कर आने लगते हैं. बहुत ज्यादा पसीना आने लगता है. इस स्थिति में मरीज को कुछ भी करने की हिम्मत नहीं होती.
  • मोशन सिकनेस से बचने के लिए उपाय
  • सफर के दौरान उल्टी से बचने के लिए कार में सबसे आगे की सीट पर बैठना चाहिए. अगर बोट में सफर कर रहे हैं, तो मध्य में बैठें. ट्रेन में हों, तो अपने मुंह को हमेशा आगे की ओर यानी जिस तरफ ट्रेन जा रही है, उसी तरफ रखें.
    सफर में उल्टी से बचने के लिए भारी खाना न खाएं. हल्की और हेल्दी डाइट लें. सफर से तुरंत पहले भोजन न करें.
    जिसे उल्टी हो रही है, उसका मूड हमेशा अलग दिशा में बनाए रखें. किसी से बातें करते रहें या म्यूजिक सुनें.
  • कौन सी हैं दवाइयां
    सफर में उल्टी से बचने के लिए डॉक्टर एंटीहिस्टामिन ( antihistamine) टैबलेट लेने की सलाह देते हैं. इसके लिए dimenhydrinate (Dramamine) or diphenhydramine (Benadryl)टैबलेट है. हालांकि इन दवाइयों से नींद भी आती है. इसलिए अपने डॉक्टर से पूछकर ही यह दवा खाएं. डॉक्टर फैमिली हिस्ट्री और अन्य जानकारी समझकर अनुकूल दवा लिखते हैं. बिना डॉक्टर की सलाह नुकसान भी हो सकता है. सफर के दौरान जैसे ही उल्टी हो, गाड़ी को रोक दें और कुछ देर करवट लेकर लिटा दें. इसके बाद ही गाड़ी आगे बढ़ाएं.

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