उत्तराखंड

उत्तराखंड के पहाड़ों में ‘कीवी मैन’ ने लिखी कामयाबी की नई इबारत

कीवी मैन: पहाड़ी किसान जंगली जानवरों से परेशान हैं और लोग खेती छोड़कर पलायन कर रहे हैं. वहीं, जो किसान पहाड़ में हैं उनकी फल-सब्जी को जानवर नुकसान पहुंचा रहे हैं. इसी बीच नैनीताल के निवासी ‘कीवी मैन’ सगत सिंह ने इन किसानों को आत्मनिर्भर बनाकर         ( script of success i)  इनकी आय बढाने की ठानी है. दरअसल, जब 88 वर्ष के सगत सिंह ने हर किसान को जानवरों से बचाने की ठान ली तो उन्हें एक ऐसा उपाय सूझा जिससे जानवर किसानों का नुकसान नहीं पहुंचा सकते थे. सगत सिंह ने कीवी की खेती करने की शुरुआत की और अपने बुलंद हौसलों की बदौलत नई इबारत लिख दी.
बता दें कीवी के फल को कोई भी जानवर या पक्षी नहीं खाता है. सगत सिंह का लक्ष्य है कि हर किसान 2 पेड़ कीवी के जरूर लगाएं. निगलाट गांव की सगत सिंह के कठिन परिश्रम के कारण आज लोग उन्हें ‘कीवी मैन’ सगत सिंह के नाम से जान रहे हैं और उनके इस मुनाफे की खेती से अन्य किसान भी जुड़ रहे हैं.इससे किसानों को 2 से 3 लाख रुपये की आमदनी भी हो रही है.

दरअसल, कीवी न्यूजीलैंड के फल है और इसको उगाने के लिए 15 हजार फीट की ऊंचाई की जरूरत होती है. तलहटी में तभी इस फल की खेती की जा सकती है जब उस स्थान में पाला और ठंड हो. बता दें, तोमरी हावर्ड समेत इस कीवी फल के 5 प्रजाति फल की खास बात यह है कि न तो इस फल को लंगूर बंदर खाते हैं और न ही चिड़िया इसको नुकसान पहुंचाती है. अक्टूबर से दिसंबर के बीच तैयार होने वाली इस कीवी के खेती हो भण्डारण की भी समस्या नहीं है. 2 से 3 महीनों तक इसको सुरक्षित रखा जा सकता है.
जानकारी के अनुसार, सगत सिंह ने औषधीय गुणों वाले इस फल को पहाड़ों में फैलाने के लिए अपनी खुद की नर्सरी से हजारों पेड़ उत्तराखंड के साथ-साथ नेपाल, सिलाॉंग, मेघालय, नागालैंड के साथ- साथ कई राज्यों में भी भेजा है. सगत सिंह का सपना है कि हर किसान कीवी फल के 2 पौधे जरूर लगाएं, ताकि हर किसान की कुछ आय हो सके. वहीं सगत सिंह नर्सरी भी तैयार करते हैं जिसमें हर साल 5 हजार पेंड तैयार किये जाते हैं.
नैनीताल सरकार ने सगत सिंह के हौसले को देखकर उन्हें सम्मानित किया और हर किसान को इस योजना को जोड़ने के लिए एक मिशन कीवी चलाया है.जिसमे कई किसान जुड़ रहे है कि इससे फसल को कोई नुकसान नहीं पहुंचता है. बता दें, 28 औषधि से युक्त कीवी डेंगू की बीमारी में भी रामबाण होती है.

सहायक उद्यान अधिकारी राजीव बर्मा ने बताया कि कीवी मिशन के तहत कई किसानों को जोड़ा जा रहा है, जिसमें 6 से 8 हेक्टेयर क्षेत्र में 3 हजार पेड़ लगाए जाएंगे. साथ ही किसानों को 80 प्रतिशत सब्सिडी भी दी जाएगी

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