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दिल्ली में केजरीवाल सरकार घोटालों की सरकार : नड्डा

नई दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा ने दिल्ली के ऐतिहासिक रामलीला मैदान में आयोजित ‘पंच परमेश्वर’ रैली में कहा कि दिल्ली की जनता परिवर्तन के लिए तैयार है। दिल्ली नगर निगम चुनाव और फिर दिल्ली विधान सभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी की शानदार विजय और आम आदमी पार्टी की करारी हार तय है। नड्डा ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में चहुँमुखी विकास हो रहा है। दिल्ली में भी मोदी सरकार ने विकास के कई कार्य किए, लेकिन नकारा केजरीवाल सरकार विकास कार्यों में बाधा डालने का काम करती है।नड्डा ने कहा कि केजरीवाल सरकार घोटालों की सरकार है। केजरीवाल सरकार ने एक के बाद एक घोटाले किये। हर विभाग में भ्रष्टाचार किया। अरविंद केजरीवाल, आपने दिल्ली का हाल बेहाल कर दिया है।

नड्डा ने कहा कि सत्ता में आने से पहले केजरीवाल कहते थे कि शराबबंदी करेंगे। कहते थे कि दुकानें कम करूंगा, गली-मोहल्लों से शराब के दुकानों को बंद करूंगा। जैसे ही सत्ता में आये, हर गली-मोहल्ले में शराब की दुकानें खोल दी और युवाओं के भविष्य को बर्बाद करने का अपराध किया। नड्डा ने कहा कि पहले दिल्ली में शराब बिक्री पर ठेकेदारों को केवल 2% कमीशन मिलता था, केजरीवाल सरकार ने उसे बढ़ा कर 12% कर दिया। इसका परिणाम यह हुआ कि जहां शराब बिक्री के कमीशन में ठेकेदारों को केवल 400 करोड़ रुपये जाते थे, वहां कमीशन में लगभग 2,400 करोड़ रुपये जाने लगे। नड्डा ने कहा कि स्टिंग ऑपरेशन में यह सामने आया है कि शराब ठेकेदारों को 12% कमीशन देकर उनसे 6 फीसदी कमीशन का रुपया अवैध तरीके से आम आदमी पार्टी और उसके नेताओं ने अपने लिए ले लिया।

मतलब ये कि सरकार के खजाने में जाने के बजाय अरविंद केजरीवाल और उनकी पार्टी ने पैसे हड़प लिए। नड्डा ने कहा कि अरविन्द केजरीवाल, उनके मंत्री और आम आदमी पार्टी दिल्ली के शिक्षा मॉडल को लेकर तरह-तरह के दावे करती है लेकिन सच्चाई इसके ठीक उलट है। दिल्ली में स्कूलों में लगभग 2526 कमरे और 160 टॉयलेट्स बनाने थे जिसके लिए 860 करोड़ रुपये का टेंडर जारी हुआ था।नड्डा ने कहा कि सेन्ट्रल विजिलेंस कमीशन ने अपने ऑब्जरवेशन में एक क्लास रूम की निर्माण लागत 5 लाख रुपये आंकी जबकि अरविन्द केजरीवाल सरकार ने ठेकेदारों को लगभग एक क्लास के लिए 33 लाख रुपये का भुगतान किया। ये भाजपा या मेरा आरोप नहीं है बल्कि सेन्ट्रल विजिलेंस कमीशन का ऑब्जरवेशन है।नड्डा ने कहा कि आज दिल्ली के लगभग 745 स्कूलों में प्रिंसिपल ही नहीं हैं।

दिल्ली के लगभग 70 प्रतिशत स्कूलों में सायंस और कॉमर्स की पढ़ाई की व्यवस्था ही नहीं है। थी। 2015 में अरविन्द केजरीवाल जी ने दिल्ली में 11,000 बसों को उतारने का वादा किया था लेकिन दिल्ली में केवल 3,680 बसें ही हैं जबकि 2015 में दिल्ली में 6,600 बसें थी।नड्डा ने कहा कि केजरीवाल सरकार ने डीटीसी की 1,000 बसों की खरीद और मेंटेनेंस में भी भारी अनियमितता की। इन बसों की खरीद के लिए लगभग 850 करोड़ रुपये की डील हुई जबकि इन बसों के मेंटिनेंस के लिए 3,500 करोड़ रुपये की डील की गई। बवाल होने पर टेंडर को रोक दिया गया।नड्डा ने कहा कि बिजली बिल में भी अरविन्द केजरीवाल सरकार ने जम कर भ्रष्टाचार किया। दिखावे को तो केजरीवाल सरकार ने मुफ्त बिजली का दावा किया जबकि अरविन्द केजरीवाल सरकार की शह पर बिजली कंपनियों ने दिल्लीवासियों से सरचार्ज के नाम पर लगभग 50 हजार करोड़ रुपए वसूले।

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नड्डा ने कहा कि बिजली कंपनियों में अरविन्द केजरीवाल जी ने अपने लोगों को डायरेक्टर के रूप में बिठा कर भारी घोटाला किया। जिन बिजली कंपनियों पर दिल्ली सरकार का बड़ा बकाया था, उस पर ब्याज की दर 18 प्रतिशत से घटाकर 12 कर दी गई जिससे सरकारी खजाने को भारी आर्थिक नुकसान हुआ। नड्डा ने कहा कि दिल्ली जल बोर्ड पहले लगभग 500 करोड़ रुपये से अधिक के लाभ में था लेकिन आज यह करोड़ों रुपये के घाटे में चला गया है। सीएजी ने 17 चिट्ठियां लिखी हैं लेकिन अब तक लगभग 57,000 करोड़ रुपये के घाटे और ऋण की देनदारियों की ऑडिट भी नहीं हुई है। नड्डा ने कहा कि मोहल्ला क्लीनिक के नाम पर जम कर भ्रष्टाचार हुआ। कोरोना काल में किस तरह अरविन्द केजरीवाल अपनी जिम्मेदारियों से भागती रही, यह हम सबने देखा है। अरविन्द केजरीवाल ने दिल्ली में कई अस्पताल बनाने का वादा किया था लेकिन एक भी नया हॉस्पिटल नहीं बना।

नड्डा ने कहा कि अरविन्द केजरीवाल पहले बड़ी-बड़ी बातें करते थे। कहते थे कि सरकार में आयेंगे तो स्वच्छ प्रशासन देंगे। सत्ता में आने के बाद ऐसा स्वच्छ प्रशासन दिया कि कुशासन के लिए बदनाम कांग्रेस पार्टी भी शरमा गई। कमीशन के लिए तो कांग्रेस बदनाम थी लेकिन केजरीवाल सरकार ने कांग्रेस का भी रिकॉर्ड तोड़ दिया।नड्डा ने कहा कि केजरीवाल सरकार के तीन-तीन मंत्री जेल में हैं। इनमें से भी कोई किसी जांच एजेंसी के कारण नहीं बल्कि अदालत और कानून के कारण जेल में बंद हैं। इनके पांच-पांच विधायक जेल जाकर आये हैं और अब बेल पर हैं। स्वच्छ प्रशासन का दावा करने वाले जेल और बेल के बीच में घूम रहे हैं।नड्डा ने कहा कि 2012 में जब एमसीडी का विभाजन हुआ था, तब से तीनों नगरनिगम विभाजन के बाद से फंड की कमी से जूझ रहे थे, विकास की गति भी बाधित हो रही थी। अब हमने तीनों नगर निगमों को एक बनाया है। निगर निगम चुनाव के बाद हम सब पुनः विजय उत्सव मनाएंगे।

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