केजरीवाल सरकार स्वास्थ्य के क्षेत्र में मूलभूत ढांचा भी नहीं बन सकी : आदेश गुप्ता
दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष आदेश गुप्ता ने कहा कि केजरीवाल सरकार ने ब्रिटिश हाई कमीशन से अपने यहां शिक्षा और स्वास्थ्य की मूलभूत सुविधाओं के विकास के लिए हाथ मिला कर मान लिया है कि उसने शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में कोई विकास नहीं किया है। केजरीवाल सरकार की प्रचार रूपी शिक्षा और स्वास्थ्य व्यवस्था का यह हाल है कि दिल्ली में आज तक एक भी ना नया स्कूल बना और ना नया अस्पताल। आज कल केजरीवाल सरकार ने नया ट्रेंड अपनाया है कि कागजों पर किये गए कार्यों का कागजों में ही समझौता करने का।
ब्रिटिश हाई कमीशन के साथ उनकी मुलाकात भी इसी बात का प्रमाण है। भाजपा तो शुरू से कहती रही है कि दिल्ली सरकार के स्कूलों में छात्र तीन तीन शिफ्टों में पढ़ने को मजबूर है। मोहल्ला कलीनिक छुट्टे जानवरो का अड्डा बन गया है। आदेश गुप्ता ने कहा कि जिस तरह से शिक्षा के क्षेत्र में भारी भ्रष्टाचार हुआ है ठीक स्वास्थ्य विभाग भी उससे अछूता नहीं रहा है। मोहल्ला क्लीनिक बनाकर उसके नाम पर करोड़ो का भ्रष्टाचार केजरीवाल सरकार ने किया है। सतेंद्र जैन का जेल के सलाखों के पीछे होना इसका सबसे बड़ा प्रमाण है। केजरीवाल और उनकी सरकार ने मोहल्ला क्लिनिक के नाम पर करोड़ो रूपये का गबन कर उन पैसों को पार्टी विस्तार और चुनावी पर्यटन में बहा दिया।
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उन्होंने कहा कि दिल्ली के स्वास्थ्य विभाग का सबसे बड़ी कमजोरी तो कोरोना काल के दौरान ही देखी जा चुकी थी, जब जंग लगें तालों से बन्द मोहल्ला क्लिनिक में ना जांच हो पाया और ना ही कोई इलाज। सबके सब केजरीवाल की नाकामी के पोल खोलते नजर आए। आदेश गुप्ता ने कहा कि अरविंद केजरीवाल ने मनीष सिसोदिया को तो शिक्षा के क्षेत्र में क्रांति लाने वाले जनक तक की संज्ञा दे दी है लेकिन कभी ये नहीं कहा कि अपने सात सालों के कार्यकाल में कितने शिक्षकों की भर्ती हुई और कितने नए स्कूल खोले गए। उन्होंने कहा कि दिल्ली में आज शिक्षको की बड़ी संख्या में कमी है और जब छात्र पूरा सब्जेक्ट तक नहीं पढ़ पा रहा है तो उसका सर्वांगीण विकास कैसे होगा, यह केजरीवाल से सबसे बड़ा सवाल है।
उन्होंने कहा कि शिक्षा, स्वास्थ्य और बाकी अन्य विभाग में केजरीवाल सरकार पूरी तरह फिसडी साबित हुई है। शिक्षा क्षेत्र में केजरीवाल सरकार ने 2000 करोड़ रुपये का घोटाला किया है। इसलिए आज तक लोगों के बीच जाने की हिम्मत तक नहीं की। आज जब सभी सवाल उठा रहे हैं तो केजरीवाल नए पैंतरे अपना कर मुद्दे को भटका रहे हैं।