महाराष्ट्र सरकार के प्रस्ताव पर कर्नाटक Karnatakaसीएम की दो टूक

मुंबई. महाराष्ट्र और कर्नाटक Karnataka () के बीच चल रहे सीमा विवाद को लेकर सियासत तेज हो गई है. ये मामला 18 साल से सुप्रीम कोर्ट में पेंडिंग है. कर्नाटक के साथ सीमा विवाद पर महाराष्ट्र सरकार ने मंगलवार को विधानसभा में प्रस्ताव रखा, जिसे सर्वसम्मति से पारित कर दिया गया. प्रस्ताव में कहा गया कि कर्नाटक के बेलगांव, कारवार, निपानी शहर के साथ 865 गांव की इंच-इंच जमीन महाराष्ट्र में समाविष्ट करने के लिए सभी आवशक कानून पहलुओं को ध्यान में रखते हुए सरकार कदम उठाएगी. वहीं, महाराष्ट्र सरकार के प्रस्ताव पर कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने ऐतराज जताकर राजनीतिक हलचल और बढ़ा दी है.
गौरतलब है कि दोनों राज्यों के बीच सीमा विवाद पांच दशकों से भी ज्यादा पुराना है. इसे लेकर हाल ही में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने दोनों राज्यों के मुख्यमंत्रियों से मुलाकात की थी और शांति बनाये रखने की अपील की थी. महाराष्ट्र सरकार ने 865 गांव मिलाने के लिए प्रस्ताव पारित किया तो महाराष्ट्र सरकार के प्रस्ताव पर कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने प्रस्ताव पर सवाल उठाते हुए कहा कि यह मामला सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन है. ऐसे में इन प्रस्तावों को कोई मतलब नहीं है. बोम्मई ने कहा कि हम अपनी एक इंच जमीन नहीं देंगे. हम अपने लोगों की रक्षा करेंगे और महाराष्ट्र सरकार के फैसले की निंदा करते हैं.
कर्नाटक के सीएम की ओर से महाराष्ट्र सरकार का प्रस्ताव खारिज किए जाने के बाद दोनों राज्यों में सियासी टकराव तेज हो गया है. सीमा विवाद का ये मामला 18 साल से सुप्रीम कोर्ट में पेंडिंग है. दोनों राज्यों के बीच सीमा विवाद पांच दशकों से भी ज्यादा पुराना है.
‘इंच भर भी जमीन नहीं देंगे…’, महाराष्ट्र सरकार के प्रस्ताव पर कर्नाटक सीएम की दो इसे लेकर हाल ही में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने दोनों राज्यों के मुख्यमंत्रियों से मुलाकात की थी और शांति बनाये रखने की अपील की थी. कुछ मसलों पर आम सहमति बनने का दावा किया गया था.