प्रमुख ख़बरें

एनडीए में टिके रहने के बदले स्पीकर पद मांग सकते हैं जेडीयू-टीडीपी

नईदिल्ली ,लोकसभा चुनाव के परिणामों में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) को बहुमत जरूर मिला है, लेकिन भाजपा पिछड़ गई है।अब एनडीए की सरकार बनाने के लिए सहयोगी पार्टियों का समर्थन जरूरी है। ऐसे में सबकी निगाहें नीतीश कुमार की जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) और चंद्रबाबु नायडू की तेलुगु देशम पार्टी (टीडीपी) पर है।खबर है कि इन दोनों पार्टियों ने गठबंधन में बने रहने के लिए भाजपा के सामने बड़ी शर्त रख दी है।
रिपोर्ट के मुताबिक, जेडीयू और टीडीपी दोनों ही भाजपा से लोकसभा स्पीकर पद की मांग कर रहे हैं। दोनों ने इस संबंध में अपना संदेश भाजपा आलाकमान को भी भेज दिया है।सूत्रों के हवाले से कहा टीडीपी प्रमुख नायडू और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश ने स्पीकर पद को लेकर भाजपा के कुछ दूसरे सहयोगियों को भी संकेत दे दिए हैं। दोनों फिलहाल बैठक के लिए दिल्ली आ रहे हैं।

किन लोगों को सुबह-सुबह नहीं पीना चाहिए नींबू पानी? क्यों मना करते हैं हेल्थ एक्सपर्ट

रिपोर्ट के अनुसार, नायडू आज शाम में होने वाली  एनडीए की बैठक में स्पीकर पद की मांग कर सकते हैं।बता दें कि 1998 में जब केंद्र में अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार थी, तब भी स्पीकर पद टीडीपी के पास था। तब टीडीपी के जीएमसी बालयोगी ये जिम्मेदारी संभाल रहे थे।इस दौरान वे विधायी निकायों के पीठासीन अधिकारियों की व्यावसायिक सलाहकार समिति, नियम समिति, सामान्य प्रयोजन समिति और स्थायी समिति के अध्यक्ष भी रहे।
सूत्रों का कहना है कि ये कदम भविष्य में किसी भी तोड़फोड़ से बचने के लिए है।माना जा रहा है कि सरकार गठन के बाद भाजपा खुद का कुनबा बढ़ाने के लिए सियासी तौर पर तोड़फोड़ कर सकती है। ऐसी स्थिति में स्पीकर की भूमिका काफी अहम हो जाती है, क्योंकि दलबदल कानून के तहत संसद सदस्यों की सदस्यता पर अंतिम निर्णय स्पीकर के द्वारा ही लिया जाता है।
नायडू ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, मैंने इस देश में कई राजनीतिक बदलाव देखे हैं। हम एनडीए में हैं और मैं एनडीए की बैठक के लिए दिल्ली जा रहा हूं। मतदाताओं के समर्थन से मैं बहुत खुश हूं। राजनीति में उतार-चढ़ाव आम बात है। इतिहास में कई राजनीतिक नेताओं और पार्टियों को बाहर किया गया है। यह यह एक ऐतिहासिक चुनाव है। यहां तक कि विदेशों से भी मतदाता अपने वोट का प्रयोग करने के लिए अपने गृहनगर लौट आए।
चुनाव नतीजों में एनडीए को 292 सीटें मिली हैं, जबकि इंडिया गठबंधन के हिस्से 234 सीटें आई हैं। अन्य के खाते में 17 सीटें गई हैं। भाजपा को 240 और कांग्रेस को 99 सीटें मिली हैं।
इसके बाद समाजवादी पार्टी (सपा) को 37, गठबंधन कांग्रेस को 29, द्रविड़ मुनेत्र कडगम (डीएमके) को 22, टीडीपी को 16, जेडीयू को 12, दलित (उद्धव) को 9, एनसीपी (शरद) को 8 और दलित (शिंदे) को 7 सीटें मिलीं।

Show More

यह भी जरुर पढ़ें !

Back to top button