अमरनाथ यात्रा की सुरक्षा के लिए जाने वाले जवानों को मिली खस्ताहाल ट्रेन (ट्रेन)

अमरनाथ यात्रा के दौरान सुरक्षा में तैनाती के लिए बीयसएफ के जवानों को लाने के लिए जर्जर और गंदे डिब्बों वाली ट्रेन (ट्रेन) उपलब्ध कराने को लेकर हंगामा खड़ा हो गया है। इस घटना के सामने आने के बाद केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कड़ा एक्शन लिया है और चार अधिकारियों को सस्पेंड कर दिया है। इनमें अलीपुरद्वार रेल डिवीजन के तीन वरिष्ठ सेक्शन इंजीनियर और एक कोचिंग डिपो अधिकारी शामिल हैं। रेल मंत्री ने इस मामले की जांच के आदेश भी जारी किए हैं। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने साफ कर दिया है कि देश के सुरक्षा बलों की गरिमा सर्वोपरि है और इस तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
बीयसएफ ने क्या बताया?
बॉर्डर सिक्योरिटी फ़ोर्स के टॉप ऑफ़िसर्स के मुताबिक, सोमवार को बॉर्डर सिक्योरिटी फ़ोर्स की 13 कंपनियां अगरतला के उदयपुर, सिलचर, गुवाहाटी, और बाकी फ्रंटियर से BSF के जवानों को एक साथ हटाकर जम्मू ले जाने वाली थी। यहां से उनको अमरनाथ यात्रा की सिक्योरिटी के लिए तैनात किया जाना था। इसी दौरान जर्जर और गंदे डिब्बों वाली ट्रेन उपलब्ध कराने का मामला सामने आया।
मामले से जुड़े फैक्ट्स
ट्रेन में चढ़ने से पहले सबसे पहले बॉर्डर सिक्योरिटी फ़ोर्स के ट्रेन कमांडेंट जो कि डेप्युटी कमांडेंट रैंक ऑफ़िसर है उसने इसकी इंस्पेक्शन की।
इंस्पेक्शन में पाया गया कि ट्रेन के कुछ डब्बे ख़स्ता हालत में हैं।
इसका वीडियो बनाया गया और फिर डिप्टी कमांडेंट रैंक ऑफ़िसर ने इसको अपने कमांडेंट को दिया।
कमांडेंट ने ये पूरी जानकारी बॉर्डर सिक्योरिटी फ़ोर्स के हेडक्वार्टर में IG ऑपरेशंस को दिया।
बॉर्डर सिक्योरिटी फ़ोर्स के हेडक्वार्टर ने औपचारिक तौर पर रेल मंत्रालय को सोमवार को बॉर्डर सिक्योरिटी फ़ोर्स के जवानों को लेकर आने वाली ट्रेन को बदलने के लिए पहले से ही कह दिया था और ये कार्रवाई लिखित तौर पर हुई।
भारतीय रेलवे ने कन्फर्म किया कि डिब्बों को बदल दिया जाएगा।
बॉर्डर सिक्योरिटी फ़ोर्स के मुताबिक़ कोई भी जवान ट्रेन में उस दौरान ट्रेन में नहीं बैठा था क्योंकि वो सिर्फ़ Inspection के लिए डिप्टी कमांडेंट देखने गए थे।
ये कहना बिलकुल ग़लत है कि जवानों ने ट्रेन पर चढ़ने के लिए मना कर दिया।
ट्रेन को बदल दिया गया है और इस समय वो ट्रेन अगरतला पहुँचने वाली है।
कब शुरू हो रही है अमरनाथ यात्रा?
अमरनाथ यात्रा इस साल 3 जुलाई से शुरू हो रही है। ये यात्रा 38 दिनों तक चलेगी और 9 अगस्त को समाप्त होगी। पहलगाम में हाल ही में हुए आतंकी हमले को देखते हुए इस साल अमरनाथ यात्रा को लेकर सुरक्षा के विशेष इंतजाम किए जा रहे हैं। केंद्र सरकार ने यात्रा के दौरान CAPF की कुल 581 कंपनियों को तैनात करने का फैसला किया है। इसमें करीब 42,000 सुरक्षाकर्मी शामिल होंगे।