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अगली पीढ़ी के लड़ाकू जेट विकसित करेगा जापान

लड़ाकू विमानों (advanced) के विकास को लेकर जापान का ब्रिटेन व इटली का समझौता चीन की बढ़ती ताकत से मुकाबले के लिए उसके लिए खास महत्व (advanced) रखता है। इसके तहत जापान-अमेरिका द्वारा संयुक्त रूप से विकसित मित्सुबिशी एफ-एक्स लड़ाकू जेट एफ-2 की जगह नई पीढ़ी के विमान बनाए जाएंगे। 2035 में तेनाती के लिए जापान के एफएक्स और ब्रिटेन के टेम्पेस्ट को अगली पीढ़ी के लड़ाकू विमानों में जोड़ा जाएगा। समझौते से ब्रिटेन को हिंद-प्रशांत क्षेत्र में मौजूदगी मिल सकेगी।

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जापान के एफएक्स कार्यक्रम को तीनों देशों में समझौता ऐसे वक्त पर हुआ है जब रूस-यूक्रेन में जंग जारी है और चीन ने ताइवान व जापान के खिलाफ आक्रामक सैन्य कार्रवाई तेज कर दी है। देश की आत्मरक्षा नीति में 1945 के द्वितीय विश्व युद्ध में जापान की हार के बाद एक बड़ा बदलाव है।ब्रिटेन की भी इस इलाके की सुरक्षा में भूमिका भी बढ़ जाएगी जापान डील से पड़ोसी चीन के खतरे से निपट सकेगा। जो वैश्विक आर्थिक विकास में अहम योगदान देता है।

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जापान ने अपने दोस्त और सहयोगी अमेरिका को भी बड़ा संदेश दिया। पहली बार अमेरिका को छोड़ जापान द्वितीय विश्वयुद्ध के बाद इतने बड़े रक्षा प्रोजेक्ट को आगे बढ़ा है। जापान के ये कदम चीन के लिए बड़ा झटका माने जा रहे हैं। पांचवीं पीढ़ी के लड़ाकू जेट को टक्कर देने के 2035 तक चीन के लिए अत्याधुनिक फाइटर जेट बनाना बहुत ही चुनौती वाला काम होगा।

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