मोहल्ला पठानान में हुआ जलसा ईद मिलादुन्नबी का आयोजन !

कुरावली के मोहल्ला पठानान की चौपाल में जलसा ईद मिलादुन्नबी का आयोजन किया गया। जलसे में तकरीर (प्रवचन) सुनने के लिए क्षेत्र के सैकङो की तादात में लोगो ने शिरकत करी। तो वही जनाब खालिद रफी ने इस कार्यक्रम को करने के लिए कोई कमी न रखी। अगर दुनिया और आखरत अच्छी करनी है तो माँ बाप को कभी दुखी मत करना:– हाफिज असलम रज़ा आपको बताते चले कि 19 अक्टूबर 2022 मंगलवार के दिन कुरावली के मोहल्ला पठानान की चौपाल में करीब रात 9 बजे से जलसा ईद मिलादुन्नबी का आयोजन किया गया था।
इस कार्यक्रम के आयोजक जनाब खालिद रफी ने कुरावली की सभी मजिदो मे जलसे की दावत भेज कर बुलवाया था। जिसके बाद जलसे में शिरकत करते हुए जमा मज़्ज़िद इमाम हाफ़िज़ असलम रज़ा, कारी मुजीब अहमद, हाफिज शमशाद कादरी, हाफिज हाशिम, मौलाना रियाज़ उद्दीन, हाफिज इरशाद, हाफिज नूरानी, हाफिज इमरान, हाफिज तोहीद, हाफिज अफसर सावरी, दिलशाद अहमद, और शारिक रज़ा नवी की शान में कसीदे पड़े। तो वही जलसे की निज़ामत शाकिर हुसैन मंसूरी ने बड़े शायराना अंदाज़ में सभाला। एक के बाद एक हफीज़ो ने नवी की शान में नाथ पड़के आए हुए लोगो को बेखुद कर दिया। तो वही कुछ हाफिज ने समाज मे चल रही बुराइयों से पर्दा हटाते हुए अयना दिखाने का भी काम किया।
क्या बोले हाफ़िज़ असलम रज़ा
आखिर में जमा मज़िद इमाम हाफ़िज़ असलम रज़ा ने इस्लाम पे रोशनी डालते हुए लोगो के ईमान को झझोणा। हराम की कमाई से दूर रहने की सलाह देते हुए कहा कि ईमानदारी की कमाई में बरकत भी है और सुकून भी। तो वही माँ बाप के लिए बोले कि एक जन्नत है तो दूसरा जन्नत का दरवाजा अगर ज़िदगी और आखरत अच्छी करनी है तो इन दोनों को कभी दुखी मत करना। जिसके बाद नमाज़ की पाबंदी करने की बात करते हुए अपनी बात को आगे बढ़ाया।
क्या था जलसे का नज़ारा
कुरावली के मोहल्ला पठानान की चौपाल में जलसे के लिए पंडाल लगाया गया तो वही सामने हाफिजों के लिए स्टेज का भी बंदोबस्त किया गया। जलसे के लिए पहले ही मजिदो में आमंत्रित कर दिया गया था, जिसके बाद सैकड़ो की तादात में लोगो ने शिकत करी। इस जलसे में क्षेत्र से जनाब मुहम्मद उमर, मुहम्मद खलीक, प्रधानाचार्य जाज़िब उमर, जावेद पठान, जुनैद खान, इरशाद अली खान, अदनान खान, शौकत अंसारी, असलम अंसारी, आतिफ खान, रिहान उल्लाह खान, अकील टेलर, मुफीद मंसूरी, बासिद अली खान, अरशद अंसारी, कफील हुसैन, इमरोज़ खान, फ़िरोज़ खान, अमजद अंसारी, अकरम अंसारी, इसरार अंसारी व सैकड़ो लोग मौजूद रहे। नवी की शान में नातो को सुन आवाम बेखुद हो गई, तो वही मिले उपदेशो से ईमान भी ताज़ा हुआ।