प्रदेश सरकार की गलत नीतियों के विरूद्ध ”जय जवान-जय किसान सत्याग्रह
लखनऊ। राष्ट्रवादी युवा अधिकार मंच के राष्ट्रीय अध्यक्ष शशांक शेखर सिंह ”पुष्कर के नेतृत्व में दारूलशफा निकट हनुमान मंदिर से छात्रों, नौजवानों, बेरोजगारों, किसानों के अधिकार एवं केन्द्र व प्रदेश सरकार की गलत नीतियों, अत्याचार, उत्पीडऩ, शोषण एवं अन्याय के विरूद्ध ”जय जवान-जय किसान सत्याग्रह के माध्यम से किसानों, नौजवानों के अधिकारों की रक्षा हेतु अन्यायी सरकार के विरूद्ध महामहिम राष्ट्रपति को मांग-पत्र सौंप कर विभिन्न मुद्दों पर विचार करने का अनुरोध किया गया है। सत्याग्रह का उद्देश्य बिना किसी रागद्वेष, वैरभाव के सरकार की नीतियों, उत्पीडऩ, अन्याय एवं तानाशाही के विरूद्ध लोकतांत्रिक सत्याग्रह के माध्यम से नौजवानों, किसानों की आवाज को बुलन्द करना था। मांग-पत्र में मुख्य रूप सेे किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य एवं समयत्र पर समीक्षा तथा किसानों की उत्पीडऩ अथवा उचित मूल्य न मिलने पर कोर्ट और अदालत का दरवाजा खुले रखने, मंडी को सुधारने, पारदर्शी बनाने एवं नई मण्डी को विस्तार देकर किसानों से मण्डी शुल्क बंद किये जाने, बिजली की कीमत कम एवं परिस्थितियों के अनुसार किसानों की कर्जमाफी एवं कृषि कार्य के दौरान दुर्घटना पर पॉच लाख मुआवजे की मांग की गई तथा लघु व सीमान्त किसानों के एक लाख रूपये तक के कर्ज को माफ तथा पूॅजीपतियों से कर्जवसूली के लिए कड़े प्राविधान की बात मांग-पत्र में की गई। नौजवानों के लिए युवा आधारित नीति के तहत राष्ट्रीय युवा आयोग का गठन, आउटसोर्सिंग जैसी प्रथा को समाप्त करने तथा सरकारी संस्थाओं के निजीकरण को तत्काल बंद करने का अनुरोध किया गया है। बेरोजगारों के लिए राष्ट्रीय रोजगार गारण्टी अधिनियम लागू करने एवं रोजगार न मिलने के तक बेरोजगारी भत्ता तथा योग्यता के आधार पर परिवार में कम से कम एक सदस्य की नौकरी के लिए मांग की गयी। छात्रों के लिए नि:शुल्क प्रतियोगी परीक्षाएॅ एवं केन्द्र एवं प्रदेश के समस्त विभागों में रिक्त पदों को अविलम्ब भरने एवं समान शिक्षा प्रणाली अपनाये जानें की मांग की गई। मौंन सत्याग्रह का समापन करते हुयेे शशांक शेखर सिंह जी ने कहा कि जिस तरीके से सत्य और अहिंसा के मार्ग पर चलकर महामहिम राष्ट्रपति महोदय को सम्बोधित मांग-पत्र सौंपा जाना था। सरकार के इशारों पर काम करने वाली पुलिस द्वारा शान्तिपूर्वक सत्याग्रह को रोका जाना लोकतंत्र और समाज दोनो के लिए दुर्भाग्यपूर्ण है। श्री शेखर ने कहा कि यह सरकार नौजवानों के बाद किसानों को भी पूॅजीपतियों का गुलाम बनाना चाहती है, जिससे जमींदारी प्रथा से बदत्तर पूॅजीवादी प्रथा होगी, जिसकी जवाबदेही भविष्य में हम युवाओं की होगी, इसलिए देश और प्रदेश में इस आताताई व्यवस्था को समाप्त करने के लिए जन जागरूकता एवं आन्दोलनों के माध्यम से सरकार को नींद से जगाकर पूरे प्रदेश व देश में युवाओं को एक मंच पर लाने का प्रयास अनवरत् जारी रहेगा। इस दौरान दुर्गेश कुुमार, कुनाल दीक्षित, संतोष सिंह, अनिल यादव, कृष्णकान्त पाण्डेय, संतोष चौहान, जावेद अहमद, क्षितिज पाण्डेय, आफरा फिरदौस, शहनाज बानो, अंकित यादव एवं अन्य उपस्थित रहें।